यूपी बोर्ड परीक्षा 22 फरवरी से शुरू हो रही है और परीक्षा 12 कार्य दिवसों में पूरी होकर 9 मार्च को समाप्त हो जाएगी.
यूपी बोर्ड परीक्षा 22 फरवरी से शुरू हो रही है और परीक्षा 12 कार्य दिवसों में पूरी होकर 9 मार्च को समाप्त हो जाएगी.
लखनऊ में 31 जनवरी को राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अलीगंज, लखनऊ में प्रशिक्षु एवं रोजगार मेले का आयोजन किया जाएगा।
प्रतिदिन नमकीन खाने की सलाह नहीं दी जा सकती है क्योंकि बहुत अधिक नमक आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। हमारे शरीर को ठीक से काम करने के लिए कम मात्रा में नमक की आवश्यकता होती है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए नमक की सही मात्रा के साथ संतुलित आहार लेना जरूरी है।
गाजियाबाद पैरेंट एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर जम कर नारेबाजी की। उन्होंने एक ज्ञापन भी सौपा।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने छात्रों के लिए समान अवसरों की गारंटी देने के उद्देश्य से 'हर बच्चे के लिए हर अधिकार' अभियान शुरू किया है। 'समानता और समावेशन' विषय पर केंद्रित यह अभियान 25 नवंबर तक सक्रिय रहेगा, जिसमें प्राथमिक और उच्च प्राथमिक दोनों स्कूलों में कई गतिविधियां शामिल होंगी।
घटनाओं के एक उल्लेखनीय मोड़ में, 5 नवंबर को होने वाली 2024-25 राष्ट्रीय मीन्स-कम-मेरिट छात्रवृत्ति (एनएमएमएस) योजना परीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के हर कोने से 1,85,762 आवेदन आए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रायोजित छात्रवृत्ति, सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और बेसिक शिक्षा परिषद स्कूलों में 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए तैयार की गई है।
जिले के सदर तहसील के कंपोजिट विद्यालय भैरमपुर, बिरसा मुंडा सेवा विद्यालय और विनोबा नगर गिहार बस्ती में कंजेक्टिवाइटिस बीमारी का प्रकोप बड़ी तेजी से फैला और इसने गांव के साथ-साथ प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को भी नहीं छोड़ा भैरमपुर कंपोजिट प्राथमिक विद्यालय के लगभग डेढ़ सौ बच्चे आंखों में काला चश्मा लगाए हुए नजर आए।
नए भवन के निर्माण के लिए प्रभारी प्रधानाधपिका ने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा। इसके बाद भी आज तक भवन नहीं बन सका। जिसकी वजह से बच्चों को एक ही छत के नीचे कंबाइंड क्लासों के सहारे पढ़ाई करनी पड़ रही है।
गवर्नमेंट गर्ल जूनियर हाई स्कूल कोलना तकरीबन 6 बीघे जमीन में बना है। इस विद्यालय से पढ़ाई करने वाली छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण कर डॉक्टर और शिक्षक के पदों पर पहुंची हैं।
विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि पांच कमरों में 350 बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। ऊपर से बिजली की कटौती से परेशानी और बढ़ गई है।