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Mirzapur News: कोलना गांव में बने राजकीय गर्ल हाई स्कूल में न छात्रा हैं और न शिक्षिका, फिर भी हर दिन खुलता और बंद होता है

गवर्नमेंट गर्ल जूनियर हाई स्कूल कोलना तकरीबन 6 बीघे जमीन में बना है। इस विद्यालय से पढ़ाई करने वाली छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण कर डॉक्टर और शिक्षक के पदों पर पहुंची हैं।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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Mirzapur News: कोलना गांव में बने राजकीय गर्ल हाई स्कूल में न छात्रा हैं और न शिक्षिका, फिर भी हर दिन खुलता और बंद होता है

मिर्जापुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसको जानकर हर कोई हैरान हो जाएगा। नरायनपुर ब्लॉक के कोलना गांव में बने गवर्नमेंट गर्ल जूनियर हाई स्कूल में न एक छात्रा हैं और नहीं एक शिक्षिका। यह विद्यालय प्रतिदिन समय से खुलता है और समय से ही बंद होता है। यहां साल 2017 में शिक्षिका के रिटायर होने के बाद एक भी नई नियुक्ति नहीं हुई तो अध्यापकों के अभाव में छात्राएं भी स्कूल आना बंद कर दीं। स्कूल के दो फोर्थ ग्रेड के कर्मचारी की नौकरी अभी बची है, जो हर दिन समय से स्कूल को खोलते हैं समय हो जाने पर स्कूल को बंद कर वापस घर चले जाते हैं।

मामले की जानकारी जब बीएसए को हुई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है शासन तक बात पहुंचाई जाएगी। इस राजकीय हाई स्कूल में साल 2017 में 12 छात्राएं थी और एक शिक्षिका थीं। शिक्षिका के रिटायरमेंट बाद छात्राएं भी आना बंद कर दीं। इसके बाद भी प्रतिदिन विद्यालय में तैनात दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आते हैं, साफ-सफाई करते हैं और पूरे दिन ड्यूटी देकर शाम को घर लौट जाते हैं। आपको बता दें कि 59 साल पहले इस इलाके में एक भी स्कूल नहीं था। शिक्षा के क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले स्वर्गिय कृष्ण कुमार सिंह ने राजकीय विद्यालय के लिए अपनी 6 बीघा जमीन दी थी। कृष्ण कुमार सिंह के चचेरे भाई राज नारायण सिंह के सहयोग से राजकीय जूनियर हाई स्कूल की 1963 में स्थापना  हुई थी।

गवर्नमेंट गर्ल जूनियर हाई स्कूल कोलना तकरीबन 6 बीघे जमीन में बना है। इस विद्यालय से पढ़ाई करने वाली छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण कर डॉक्टर और शिक्षक के पदों पर पहुंची हैं। साल 2017 में विद्यालय की शिक्षिका रामश्वारी देवी के प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्त होने के बाद किसी शिक्षक की तैनाती नहीं हुई। शिक्षक न होने के चलते छात्राएं भी स्कूल आना बंद कर दिया फिर भी प्रतिदिन विद्यालय खुलता है और साफ सफाई भी होती है। इसकी जिम्मेदारी स्कूल में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रामचंद्र दीक्षित और शकीला के पास है। पांच वर्षों से दोनों नियमित विद्यालय आते हैं और भवन और परिसर की साफ-सफाई करने के बाद दोनों दिन भर ड्यूटी करने के बाद शाम को घर वापस लौट जाते है। देखरेख के अभाव में 59 साल पुराना भवन भी अब जर्जर होने लगा है।

पांच साल पहले यानी कि साल 2017 में इस विद्यालय 12 छात्राएं और एक शिक्षिका थी सेवानिवृत शिक्षिका रामश्वारी देवी 2017 में सेवानिवृत्त होने से पहले शासन को पत्र लिखकर विद्यालय में शिक्षक की नियुक्ति की मांग की थी, लेकिन उनके पत्र को शासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। शिक्षिका रामश्वारी देवी के सेवानिवृत हो जाने के बाद से बच्चों ने भी विद्यालय आना पूरी तरह बंद कर दिया। उसके बाद से विद्यालय में किसी बच्चे का नामांकन भी नहीं हुआ। इसके साथ ही शिक्षकों की तैनाती को लेकर गांव वालों ने भी शासन को कई पत्र लिखे लेकिन उनका कोई खास असर अभी तक नहीं दिखलाई पड़ा।

गांव के रहने वाले सत्येंद्र कुमार सिंह ने जिले के अफसरों के साथ ही शासन को कई पत्र लिखकर विद्यालय में शिक्षकों के नियुक्ति की मांग की, लेकिन विभाग में बैठे अधिकारियों ने उनके पत्र पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया। वहीं ग्रामीणों ने कहा कि विद्यालय में अच्छी पढ़ाई होती थी गांव की कई छात्राएं यहां से पढ़कर नौकरी कर रही हैं। इस विद्यालय के प्रांगण में स्थाई हेलीपैठ बनाया गया है। जो अब रख रखाव के अभाव में टूट रहा है। यहां बड़े-बड़े नेताओं के हेलीकॉप्टर लैंड करता थे।

जिस तरह से विद्यालय अपना अस्तीत्व खोता जा रहा है अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले वक्त में इसका नामों निशान मिट जाएगा। गांव वालों की मांग है कि या तो इस विद्यालय को उच्चीकृत किया जाए। इस भवन और जमीन का प्रयोग ट्रामा सेंटर अस्पताल बनाया जाए जिससे ग्रामीणों को लाभ मिल सके।

विद्यालय में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रामचंद्र दीक्षित कहते हैं कि शिक्षक की तैनाती और बच्चों का नामांकन कराने की जिम्मेदारी शासन की है। साल 2017 में शिक्षिका की रिटायर होने के बाद यहां कोई नियुक्ति नहीं हुई बच्चे भी नहीं आते हैं। हम दो कर्मचारी हैं समय से आते हैं अपना ड्यूटी करते हैं। हमारा कार्य विद्यालय की देखभाल करना है। उसे  हम बखूबी निभा रहे हैं। जब तक हमारी नौकरी है तब तक हम अपनी ड्यूटी कर रहे है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है इसको देखवाकर आवश्यक कार्यवाही जो होगी वह की जाएगी.

मिर्जापुर से संवाददाता वसी रिजवी की रिपोर्ट।

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