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Siddharthnagar News: अवैध खनन हादसे में शोहरतगढ़ विधायक कार्रवाई को लेकर परेशान, प्रशासन सुस्त

Siddharthnagar News: 29 अप्रैल को विधानसभा शोहरतगढ़ क्षेत्र ढ़ेबरुआ के गड़रखा में पिछले दिनों अवैध खनन के दौरान हुए भयानक हादसा के बाद अकरा गाँव निवासी, मयाराम की मृत्यु हो गई थी। जिसको लेकर शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा ने कहा कि मृतक ट्रॉली चालक मायाराम को इंसाफ़ के नाम पर प्रशासन और अधिकारियों की ग़ैरज़िम्मेदारी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है।

By: Desk Team  RNI News Network
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Siddharthnagar News: अवैध खनन हादसे में शोहरतगढ़ विधायक कार्रवाई को लेकर परेशान, प्रशासन सुस्त

Siddharthnagar News: 29 अप्रैल को विधानसभा शोहरतगढ़ क्षेत्र ढ़ेबरुआ के गड़रखा में पिछले दिनों अवैध खनन के दौरान हुए भयानक हादसा के बाद अकरा गाँव निवासी, मयाराम की मृत्यु हो गई थी। जिसको लेकर शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा ने कहा कि मृतक ट्रॉली चालक मायाराम को इंसाफ़ के नाम पर प्रशासन और अधिकारियों की ग़ैरज़िम्मेदारी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है।

सोशल मीडिया पर जांच के निर्देश का पोस्ट पर जमीनी हकीकत कुछ और

एक तरफ उच्च अधिकारी आईजी साहब इस केस की जाँच के लिए निर्देश देने की बात करते हुए अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ थाना प्रभारी उनको कहते हैं कि हमें ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है। इस मामले में ज़िला पुलिस कप्तान की भी चुप्पी आउट ऑफ बॉक्स है। आख़िर इस पूरे घटना को इतना पेचीदा क्यों बनाया जा रहा है? यहॉं तक की आज हमारे आवास व कैंप कार्यालय में वहाँ के ग्रामवासियों ने हमसे मिलकर साफ-साफ शब्दों में कहा है कि इस घटना में प्रधान की पूरी संलिप्तता है।

Shohratgarh MLA upset over action in illegal mining accident, administration dull

आईजी के आदेशों की अवहेलना किस आधार पर

आखिर आईजी साहब के इन संबंध में निर्देशों की अवहेलना कप्तान व नीचे का पुलिस प्रशासन किस अधिकार और विश्वास के कारण कर रहे हैं? पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में ऐसी असंवेदनशीलता, प्रदेश सरकार के साथ-साथ माननीय मुख्यमंत्री जी की छवि को भी धूमिल कर सकती है। आगे विधायक ने कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु मेरा संघर्ष तब तक जारी रहेगा जबतक न्याय न मिल जाए। और, जल्द ही इस पूरे प्रकरण में सामने आ रहे संदेह से पर्दाफ़ाश जरुर होगा। प्रशासनिक अराजकता का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है कि खनन पदाधिकारी से लेकर, एडीएम, एसडीएम, थाना प्रभारी सभी के सभी टालमटोल कर बहती गंगा में हाथ धोने में लगे हुए हैं।

कहां से आ रहा है एसडीएम शोहरतगढ़ एवं थाना प्रभारी ढ़ेबरुआ को पावर

वहीं एसडीएम शोहरतगढ़ एवं थाना प्रभारी ढ़ेबरुआ के संदर्भ में कहा कि इनको इतना बल कहाँ से आ रहा है कि वो सरेआम, जाँच के किसी भी आदेश को ख़ारिज कर दे रहे हैं। इतना ही नहीं पीड़ित परिवार से हमारा मिलना भी इन लोगों को नागवार गुजर रहा है कि उनसे अपने बचाव व पक्ष में वीडियो बनवा रहे हैं। आख़िर, इस सच्चाई से कोई कैसे मुंह छिपा सकता है कि वहाँ अवैध खनन नहीं हुआ है?

यह तो देखने और समझने वाली गंभीर बात है कि यह कौन बतायेगा कि उस मृतक चालक का ज़िम्मेदार कौन है? घटना स्थल पर अवैध खनन किसके इशारे पर चल रहा था? या फिर वो अवैध खनन नहीं था? मेरी मंशा बस इतना है कि, इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जाँच हो, दोषियों को सजा मिले और पीड़ित परिवार को न्याय मिले।

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