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विद्यालय का भवन जर्जर होने पर ध्वस्त करने के बाद नहीं ले रहा कोई सुध, एक ही छत के नीचे संचालित हो रही कक्षाएं

नए भवन के निर्माण के लिए प्रभारी प्रधानाधपिका ने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा। इसके बाद भी आज तक भवन नहीं बन सका। जिसकी वजह से बच्चों को एक ही छत के नीचे कंबाइंड क्लासों के सहारे पढ़ाई करनी पड़ रही है।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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विद्यालय का भवन जर्जर होने पर ध्वस्त करने के बाद नहीं ले रहा कोई सुध, एक ही छत के नीचे संचालित हो रही कक्षाएं

योगी सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। इसके लिए सरकार कई तरह की योजनाएं भी चला रही है। अब बच्चों के ड्रेस के लिए सरकार अभिभावकों के खाते में सीधे पैसा ट्रांसफर कर रही है। मीड डे मील की व्यवस्था को और बेहतर किया गया है। योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य कर रही है। कहीं से भी कोई कोताही की खबरें सामने आ रही है तो सरकार तत्काल ऐक्शन ले रही है। इसके बाद भी प्रदेश के किसी स्थान से ऐसी खबरें सामने आ जाती हैं, जिससे सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर पानी फिरता हुआ नजर आता है। ताजा मामला बस्ती जिले से सामने आया है, जहां प्राथमिक विद्यालय के एक ही छत के नीचे बच्चों को कंबाइंड क्लास में पढ़ाई करनी पड़ रही है।

आपको बता दें कि बस्ती जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर बनकटी ब्लॉक के खैराटी गांव मे बने प्राथमिक विद्यालय में दूर-दराज के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। इस विद्यालय में कुल 67 बच्चे पढ़ते हैं लेकिन सुविधाओं की अगर बात की जाए तो विद्यालय उससे अछुता है। विद्यालय के प्रवेश द्वार पर गेट तक नहीं है। इसके पहले एक जर्जर भवन था, जिसको तोड़ दिया गया था। कहा गया था कि बजट आते ही भवन का निर्माण करा दिया जाएगा। लेकिन अप्रैल 2021 से अब तक यहां नए भवन का निर्माण नहीं हो पाया है।

नए भवन के निर्माण के लिए प्रभारी प्रधानाधपिका ने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा। इसके बाद भी आज तक भवन नहीं बन सका। जिसकी वजह से बच्चों को एक ही छत के नीचे कंबाइंड क्लासों के सहारे पढ़ाई करनी पड़ रही है। जिस भवन में कंबाइंड क्लास चल रही है उसकी भी स्थिति ठीक नहीं है। क्योंकि बारिश के समय मे उस भवन में भी रिसाव होकर पानी अंदर आ जाता है। बारिश के वक्त विद्यालय पूरा तालाब बन जाता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि प्रधानाध्यापिका के बार-बार पत्र लिखने पर भी अभी उच्चाधिकारी क्यों नहीं जागे।

प्रधानाध्यापिका आराधना यादव ने बताया कि हमारे यहां का जो मूल विद्यालय भवन जर्जर अवस्था में था। जिसके ध्वस्त कर दिया गया। उन्होंने हमारे विद्यालय में मूल भवन नहीं है। इसलिए दो अतिरिक्त कक्षाएं संचालित हो रही है। उन्होंने बताया कि पांच-पांच कक्षाओं का संचालन करने में काफी दिक्कत आ रही है। उन्होंने बताया कि विद्यालय में काफी बच्चे हैं। उन्होंने बताया कि इसके बारे में हमने खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया है। उन्होंने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से आश्वासन दिया गया है कि जब बजट आएगा तो भवन के निर्माण के लिए आवंटित होगा।

जिलाधिकारी बस्ती प्रियंका निरंजन ने इस मामले में जानकारी दी है कि जर्जर भवन का ध्वस्तीकरण कराया गया था। नए कक्षों के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने बताया कि अन्य निधियों से कन्वर्जन कर शीघ्र ही निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी है कि शासन स्तर पर भी प्रस्ताव भेजा गया है।

बस्ती से संवाददाता धर्मेंद्र द्विवेदी की रिपोर्ट।

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