बिजनौर की नगीना सीट में शनिवार को बहुजन समाज पार्टी की जनसभा को बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने संबोधित किया। यह यूपी में आकाश आनंद की पहली रैली थी। आकाश आनंद ने बिना नाम लिए आजाद समाज पार्टी अध्यक्ष चंद्रशेखर को घेरा।
बिजनौर की नगीना सीट में शनिवार को बहुजन समाज पार्टी की जनसभा को बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने संबोधित किया। यह यूपी में आकाश आनंद की पहली रैली थी। आकाश आनंद ने बिना नाम लिए आजाद समाज पार्टी अध्यक्ष चंद्रशेखर को घेरा।
बिजनौर में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रथम चरण के चुनाव 19 अप्रैल को होने हैं। इसके लिए पार्टियों ने चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया है। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक दिवसीय दौरे पर आज बिजनौर पहुंचे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बजे 20 दिन हो रहे हैं। ऐसे में सभी पार्टियां जोर-शोर से इसकी तैयारी में लगी हुई हैं। बसपा ने भी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी कैंपेनिंग की शुरुआत कर दी है। इसका जिम्मा बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को सौंपा है।
लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के मतदान 19 अप्रैल से होने जा रहा है पर झांसी में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति कुछ ठीक नहीं लग रहा है। यहां जिलाध्यक्ष और ज्वाइनिंग कमेटी को बगल में करके दो नेताओं को भगवा पट्टा पहनाने का मामला शांत नहीं हुआ था और अब एक और मामला यहां उबाल मारने लगा है। यहां एक विधायक अपने करीबी पूर्व उप सभापति को भाजपा
भाजपा ने आगामी आम चुनाव को अपने पक्ष में करने के लिए कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की 10 लोकसभा सीटों से अपने स्पेशल-20 टीम के मैदान में उतारा है। इसका ऐलान कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने किया है।
UP loksabha Seat: आगरा में फतेहपुर-सीकरी लोकसभा संसदीय सीट से खड़े कांग्रेस प्रत्याशी रामनाथ सिकरवार के खिलाफ थाना पिनाहट में आचार संहिता का उल्लंघन करने पर मुकदमा दर्ज हुआ है।
UP Lok Sabha Seat: आगामी 2024 के आमचुनाव में भाजपा की ओर से पीलीभीत सीट से वरुण गांधी का टिकट कट जाने के बाद उनकी मां मेनका गांधी का एक भावुक बयान सामने आया है। वे इस बयान में पीलीभीत के लेकर बहुत भावुक दिखीं|
Loksabha Election 2024 को लेकर देश में राजनीतिक पार्टियों का पारा एक नंबर पर है। सभी राजनीतिक दल अपने प्रचार-प्रसार दिन-रात एक कर चुके हैं, इस बीच भाजपा ने भी लोगों के बीच जाकर उनसे बातचीत करना और समस्याओं का निदान करना शुरू कर दिया है।
2024 में होने वाले आम चुनाव में भाजपा ने जीत का अनुमान 400 पार की घोषणा कर दी है जिसके लिए पार्टी ने पूरा खाका तैयार कर लिया है। इसके लिए भाजपा ने हर मतदाता तक पहुंचने के लिए कार्यकर्ताओं को काम पर लगा दिया है। वहीं सोचने वाली बात यह है कि अन्य पार्टियों का नामों-निशान तक नहीं है।
मुगल काल में राजधानी रहा आगरा और यहां बना ताजमहल विश्व विख्यात है। वहीं आजादी से लेकर आपातकाल तक कांग्रेस का ही राज रहा है। बता दें कि वर्ष 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के प्रत्याशी शंभुनाथ चतुर्वेदी ने कांग्रेस के नेता सेठ अचल सिंह को हराया था। उसके बाद हुए मध्यावधि चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व सांसद सेठ अचल सिंह के पुत्र निहाल सिंह जैन ने कांग्रेस
लोकसभा चुनाव का शंखनाथ हो चुका है इसी के साथ राजनीतिक उठापटक और सरगर्मी भी तेज हो गई है। कुछ लोग भाजपा के साथ जा रहे हैं तो कुछ राजनेता दूसरे दलों का दामन थाम रहे हैं। बता दें कि प्रयागराज में अब तक भाजपा ने फूलपुर और इलाहाबाद संसदीय सीट से उम्मीदवार का नाम नहीं घोषित किया है।
भारत के आजादी के बाद और 1952 के आम चुनाव से पहले फूलपुर सीट इलाहाबाद ईस्ट कम जौनपुर वेस्ट के नाम से जानी जाती थी। यहां से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1952 में चुनाव लड़ा था और वे 1957 और 1962 में भी इस सीट से जीते थे। उनके मृत्यु के बाद 1964 के उपचुनाव में उनकी बहन विजय लक्ष्मी पंडित इस सीट से विजयी
लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा होने के बाद चुनावी महासमर तेज हो गया है। अब तमाम राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करके चुनाव प्रचार की तैयारियों में जुट चुके हैं। और बची हुई सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर माथापच्ची चल रही है। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की पहली लिस्ट के तहत उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 51 सीटों पर प्रत्याशियों के
लोकसभा की नोएडा सीट कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसे में भाजपा के पार्टी हाईकमान ने टिकट पर मुहर लगा दी है। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से भाजपा ने लगातार चौथी दफा मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा पर पार्टी का भरोसा जताते हुए उन्हें अपना लोकसभा उम्मीदवार चुना है।
West UP के 4 महत्वपूर्ण सीटों पर टिकटों को लेकर आखिरी फैसला मोदी-शाह के टेबल पर किया जाएगा। ये सीटें हैं मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर और गाजियाबाद। जिनमें से दो सीट मुरादाबाद और सहारनपुर पर साल 2019 के चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है।