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Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के त्योहार में भाजपा के लिए गाजियाबाद और मेरठ हॉट सीट

लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा होने के बाद चुनावी महासमर तेज हो गया है। अब तमाम राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करके चुनाव प्रचार की तैयारियों में जुट चुके हैं। और बची हुई सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर माथापच्ची चल रही है। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की पहली लिस्ट के तहत उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 51 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जा चुका है।

By: Desk Team  RNI News Network
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Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के त्योहार में भाजपा के लिए गाजियाबाद और मेरठ हॉट सीट

लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा होने के बाद चुनावी महासमर तेज हो गया है। अब तमाम राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करके चुनाव प्रचार की तैयारियों में जुट चुके हैं। और बची हुई सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर माथापच्ची चल रही है। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की पहली लिस्ट के तहत उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 51 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जा चुका है। वहीं बीजेपी के लिए गाजियाबाद और मेरठ हॉट सीट के रूप में दिख रही है। जिसके संगर्भ में ये चर्चा है कि पार्टी इन सीटों पर नए चेहरों को मैदान में उतार सकती है।

लोकसभा 2024 के संदर्भ में चुनाव आयोग के घोषणा के बाद गाजियाबाद में भी वोटिंग की डेट तय

चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेस में 2024 लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा के साथ गाजियाबाद में वोटिंग की तारीख की घोषणा भी हो चुकी है। जिले की सभी पांच विधानसभा के अलावा हापुड़ की धौलाना आंशिक क्षेत्र में कुल 29,38,845 मतदाता पंजीकृत हुए हैं। जिनमें 1622869 पुरुष और 1315782 महिला मतदाता दर्ज हैं। यहां पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग निर्धारित है। इसके बाद 4 जून को मतों की गिनती होनी है। अभी तक यहां पर किसी भी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी का एलान नहीं किया है।

इतने हैं मतदाता

अंतिम प्रकाशित मतदाता सूची के अनुसार, जिले की सभी पांच विधानसभा के अलावा हापुड़ की धौलाना आंशिक क्षेत्र में कुल 29,38,845 मतदाता पंजीकृत हुए हैं। इनमें 16,22,869 पुरुष और 13,15,782 महिला मतदाता दर्ज है। मेरठ से किसी सेलिब्रिटी को टिकट दिया जा सकता है। वर्तमान में यहां से राजेंद्र अग्रवाल सांसद हैं और वे लगातार तीन बार से इस सीट का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं.. और राजेंद्र अग्रवाल बीजेपी का बड़ा चेहरा भी हैं। वो पिछले तीन चुनाव में इस सीट से जीतते आ रहे हैं। लेकिन बीजेपी इस बार यहां कैंडिडेट बदलकर बड़ा सरप्राइज देने की योजना में लग रही है। हालांकि चुनावी संग्राम में ऐसे कई सरप्राइज़ कई सीटों पर दिखाई दे सकते हैं।

गाजियाबाद से जनरल वीके सांसद

वहीं गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह सांसद हैं और ये लगातार दो बार से संसद में गाजियाबाद का प्रतिनिधत्व कर रहे हैं। इन दोनों ही सीटों पर जातिगत समीकरण के हिसाब से टिकट दिए जाएंगे.. पार्टी सूत्र बताते हैं कि गाजियाबाद और मेरठ सीट पर ठाकुर-वैश्य समाज का वर्चस्व है। दोनों सीटों पर एक-दूसरे के समीकरण को देखते हुए प्रत्याशी तय किए जाएंगे। अगर गाजियाबाद में किसी ठाकुर को टिकट मिलता है तो मेरठ में वैश्य को ही टिकट दिया जाएगा। और यदि मेरठ से किसी ठाकुर को चुनावी दंगल में भेजा जाता है तो गाजियाबाद पर किसी वैश्य समाज के प्रतिनिधित्व को उतारा जाएगा।

वहीं अगर गाजियाबाद लोकसभा सीट ठाकुर बिरादरी के हिस्से में आती है तो यहां से अरुण सिंह, संगीत सोम, सतेन्द्र सिसोदिया और ब्रजेश सिंह में से किसी एक के नाम पर ठप्पा लग सकता है। और मेरठ में वैश्य समाज के अनिल अग्रवाल, कपिल देव, विकास अग्रवाल, अतुल गर्ग, अमित अग्रवाल और मयंक गोयल का नाम टॉप पर रहा है। गाजियाबाद से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का नाम भी सामने आ रहा है। हालांकि, वर्तमान सांसद वीके सिंह भी अपने पक्ष में हवा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

अगर, ऐसा हुआ तो गाजियाबाद के मतदाताओं को एक बार फिर बाहरी प्रत्याशी के सहारे चुनावी गंगा पार करनी होगी। गाजियाबाद को लेकर ये भी तथ्य सामने आता है कि यहां के लोगों के नसीब में बहुत कम ही ऐसा हुआ है कि जब उन्होंने अपने समाज के बीच से कोई नेता चुनकर दिल्ली भेजा हो। गाजियाबाद सीट बीजेपी का मजबूत किला मानी जाती है। यहां पर चुनावों में ‘साठा चौरासी’ का समीकरण ही तय करता है कि वह किसे चुनकर दिल्ली भेजें।

गाजियाबाद में ठाकुर समाज का वर्चस्व

यहां ठाकुर समाज का बाहुल्य है और रमेश चंद्र तोमर ने लगातार 4 बार बीजेपी का प्रतिनिधित्व किया.. वर्ष 2008 तक यह हापुड़-गाजियाबाद लोकसभा सीट हुआ करती थी। हापुड़ का यहां से हटाकर मेरठ में शामिल कर दिया गया और गाजियाबाद स्वतंत्र लोकसभा सीट बन गई। वहीं रमेश चंद्र तोमर के बाद से यहां लगातार बाहरी लोगों को टिकट दिया जा रहा है। 2009 में राजनाथ सिंह ने गाजियाबाद से जीत दर्ज की और 2014 और 2019 में वीके सिंह लगातार दो बार कमल के निशान पर विजयी रहे हैं।

गाजियाबाद लोकसभा में 5 विधानसभा सीट आती हैं और पांचों पर बीजेपी का आधिपत्य है। साहिबाबाद से विधायक सुशील कुमार शर्मा को हाल ही के समय में यूपी सरकार में मंत्री बनाया गया है। सुशील शर्मा को मंत्री बनाए जाने के पीछे भी ब्राह्मण समाज के वोट को संगठित करके रखना ही मुख्य उद्देश्य रहा है। क्योंकि ब्राह्मण समाज लंबे समय से यहां से संसदीय प्रतिनिधित्व की मांग करता आ रहा है पर बीजेपी ने कभी मौका नहीं दिया है। लेकिन लोकसभा चुनावों से ठीक पहले सुशील शर्मा को मंत्री बनाकर ब्राह्मण समुदाय को खुश करने का एक बड़ा प्रयास किया गया है।

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