गोरखपुर को रविवार को एक बार फिर विकास की दिशा में एक नई पहचान मिली, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां ₹233.20 करोड़ की लागत वाली 303 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का भारत एक नए युग में प्रवेश कर चुका है, और शहरी विकास इस परिवर्तन का एक अहम हिस्सा बन गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो खुद गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, ने इस अवसर पर कुल 189 परियोजनाओं का शिलान्यास किया और 114 परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। ये सभी योजनाएं नगर की बुनियादी सुविधाओं, स्वच्छता, सड़क निर्माण, जल आपूर्ति, और हरित ऊर्जा से जुड़ी हैं, जिनसे आमजन के जीवनस्तर में सुधार आएगा।
उन्होंने कहा, “शहरों का सुनियोजित विकास समय की मांग है और इसी के जरिए हम देश को आर्थिक महाशक्ति बना सकते हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने शहरों को स्वच्छ, सुंदर और स्मार्ट बनाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियां एक बेहतर वातावरण में सांस ले सकें।”
कार्यक्रम के दौरान एक और महत्वपूर्ण पहल करते हुए गोरखपुर नगर निगम (GMC) और नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस MoU के तहत शहर में कचरे से कोयला (चारकोल) बनाने का एक संयंत्र स्थापित किया जाएगा। यह योजना न केवल कचरे के निस्तारण में सहायक होगी, बल्कि पर्यावरण को भी स्वच्छ बनाए रखने में मदद करेगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कहा कि विकास परियोजनाओं का क्रियान्वयन गुणवत्ता के साथ समयबद्ध तरीके से हो, ताकि जनता को इसका लाभ शीघ्र मिल सके।
गोरखपुर की जनता ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके इस विकासात्मक दृष्टिकोण की सराहना की। इस कार्यक्रम से यह स्पष्ट हो गया कि गोरखपुर अब सिर्फ पूर्वांचल का नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के शहरी विकास का एक प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है।