नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (NMRC) की दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं अब मंजूरी की अंतिम दहलीज पर हैं। इनमें पहला प्रोजेक्ट बॉटेनिकल गार्डन से सेक्टर-142 तक का है और दूसरा ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक का प्रस्तावित रूट। इन दोनों परियोजनाओं पर केंद्र सरकार से अनुमति लेने के लिए अगले सप्ताह NMRC के प्रबंध निदेशक लोकेश एम आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) के समक्ष प्रजेंटेशन देंगे।
केंद्र सरकार पहले ही इन परियोजनाओं पर कई तकनीकी और वित्तीय सवाल उठा चुकी है, जिनका जवाब NMRC द्वारा दे दिया गया है। माना जा रहा है कि इस प्रस्तुति के बाद केंद्र की मंजूरी शीघ्र मिल सकती है।
इस प्रस्तावित मेट्रो लाइन की कुल लंबाई 11.56 किमी होगी और यह कॉरिडोर पांच वर्षों में बनकर तैयार होगा। इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार से मंजूरी मिल चुकी है और अब केंद्र की हरी झंडी का इंतजार है। इस कॉरिडोर पर प्रतिदिन 1 से 1.25 लाख यात्रियों के सफर करने की संभावना है।
इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 2254.35 करोड़ रुपए है। इस रूट पर प्रमुख स्टेशन होंगे — बॉटेनिकल गार्डन, सेक्टर-44, नोएडा ऑफिस, सेक्टर-97, सेक्टर-105, सेक्टर-108, सेक्टर-93, पंचशील बालक इंटर कॉलेज और अंतिम स्टेशन सेक्टर-142 जो पहले से ही तैयार है।
दूसरी परियोजना के तहत ग्रेटर नोएडा डिपो स्टेशन से बोड़ाकी तक 2.6 किलोमीटर का एलिवेटेड मेट्रो रूट प्रस्तावित है। यह नोएडा एक्वा लाइन का एक्सटेंशन होगा, जो अभी सेक्टर-51 से ग्रेनो डिपो तक संचालित हो रही है।
इस रूट पर दो ही स्टेशन होंगे — जुनपत और बोड़ाकी। बोड़ाकी स्टेशन को एक बड़ा और आधुनिक मेट्रो हब के रूप में विकसित किया जाएगा। यह नोएडा मेट्रो का सबसे छोटा रूट होगा, जिसकी लागत करीब 416 करोड़ रुपए आंकी गई है। डीएमआईसी रूट के लिए आवश्यक भूमि NMRC को जल्द उपलब्ध कराई जाएगी।