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Loksabha Election 2024: आइए जौनपुर संसदीय सीट के बारे में आज जानते हैं?

मध्यकालीन भारत में शर्की शासकों की राजधानी रहा जौनपुर, वाराणसी से 58 किलोमीटर और प्रयागराज से 100 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में गोमती नदी के तट पर बसा हुआ जनपद है। मध्यकालीन भारत में जौनपुर सल्तनत (1394 और 1479 के बीच) उत्तरी भारत का एक स्वतंत्र राज्य था। जिसका प्राचीन नाम 'यवनपुर' भी लोग बताते हैं।

By: Desk Team  RNI News Network
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Loksabha Election 2024: आइए जौनपुर संसदीय सीट के बारे में आज जानते हैं?

मध्यकालीन भारत में शर्की शासकों की राजधानी रहा जौनपुर, वाराणसी से 58 किलोमीटर और प्रयागराज से 100 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में गोमती नदी के तट पर बसा हुआ जनपद है। मध्यकालीन भारत में जौनपुर सल्तनत (1394 और 1479 के बीच) उत्तरी भारत का एक स्वतंत्र राज्य था। जिसका प्राचीन नाम ‘यवनपुर’ भी लोग बताते हैं। वहीं ये भी पता चलता है कि 1397 ई. में उस समय के जौनपुर के सूबेदार ख़्वाजा जहान ने दिल्ली के सुल्तान मुहम्मद तुग़लक़ के आधीन हुकुम को ठुकराकर अपने स्वाधीनता की घोषणा कर दी थी और शर्की नामक एक नए राजवंश को स्थापित कर जौनपुर बनाया था।

2019 में जौनपुर संसदीय सीट का क्या था परिणाम

2019 में जौनपुर संसदीय सीट बीएसपी के टिकट से लड़ रहे श्याम सिंह यादव को जीत मिली थी उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस को पीछें छोड़ते हुए 50.19 फीसदी से फतह प्राप्त किया था। वहीं भाजपा दूसरे नंबर पर 42.4 फीसद वोटों के साथ रही तो कांग्रेस 2.62 फीसद वोट के साथ तीसरे नंबर पर रही। देखिए ये आंकड़ा…

पार्टी का नाम- बीएसपी
प्रत्याशी का नाम- श्याम सिंह यादव
कुल वोट- 521,128
वोट प्रतिशत- 50.19 फीसद

पार्टी का नाम- बीजेपी
प्रत्याशी का नाम- कृष्ण प्रताप सिंह के.पी.
कुल वोट- 440,192
वोट प्रतिशत- 42.4 फीसद

पार्टी का नाम- कांग्रेस
प्रत्याशी का नाम- देव व्रत मिश्रा
कुल वोट- 27,185
वोट प्रतिशत- 2.62 फीसद

साल 2024 में किसको मिला है टिकट

जौनपुर लोकसभा सीट से अभी सिर्फ बीजेपी ने उम्मीदवार के नाम की घोषणा की है और इस सीट से कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवार के रूप में उतारा है। वहीं इस चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन भी है। और गठबंधन में ये सीट समाजवादी पार्टी के पाले में गई है। हालांकि सपा ने फिलहाल अभी तक उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। तो वहीं बहुजन समाज पार्टी की तरफ से उम्मीदवार के नाम का इंतजार है।

जौनपुर संसदीय सीट का इतिहास

जौनपुर के पहले सांसद कांग्रेस के बीरबल सिंह थे। गोमती और सई यहां की प्रमुख नदि‍यां है। इसके अति‍रि‍क्‍त वरुणा, बसुही, पीली, मामुर एवं गांगी यहां की छोटी नदियां हैं। जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 4021 वर्ग कि‍मी है। जिले का मुख्‍य कार्य कृषि पर आधारि‍त है। इसका मुख्‍य कारण जनपद में भारी उद्योग का न होना है। वाराणसी- जौनपुर मार्ग पर कई उद्योग खुल रहे है।

1952 में जब देश में पहली बार लोकसभा का चुनाव हुआ तो जौनपुर सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार बीरबल सिंह के पाले में जीत आई थी। और इसके बाद के दो चुनावों में भी बीरबल सिंह ही इस सीट से जीते। आपको बता दें कि जौनपुर वही सीट है जहां से पंडित दीनदयाल को हार का स्वाद चखना पड़ा था। 1963 के चुनाव में जनसंघ सांसद ब्रह्मजीत सिंह के निधन के बाद जब इस सीट पर उप-चुनाव हुआ तो कांग्रेस के उम्मीदवार राजदेव सिंह ने पंडित दीनदयाल को कड़ी शिकस्त दी थी। बता दें कि राजदेव सिंह 1971 तक लगातार चुनाव जीतते रहे थे।

1971 के बाद से जौनपुर में केवल एक शख्स ऐसा था जिसे दोबारा जीत मिली और उनका नाम पारसनाथ यादव था। वहीं 1977 और 1980 में यह सीट जनता पार्टी के पाले में रही। 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कमला प्रसाद सिंह को प्रत्याशी घोषित किया और उन्हें जीत प्राप्त हुई। 1989 में ये सीट बीजेपी के कब्जे में फिर से चली गई और महाराजा यादवेन्द्र दत्त दुबे यहां से सांसद के पद पर आसीन हुए।

साल 1991 में जनता दल से अर्जुन सिंह यादव, साल 1996 में भाजपा से राजकिशोर सिंह, 1998 में सपा से पारसनाथ यादव, 1999 में भाजपा से स्वामी चिन्मयानंद, साल 2004 में सपा से पारसनाथ, 2009 में बसपा के बाहुबली धनंजय सिंह, 2014 में बीजेपी के कृष्ण प्रताप सिंह और 2019 में बीएसपी से श्याम सिंह यादव यहां से सांसद बने।

कैसा है इस सीट पर जातीय समीकरण?

जौनपुर सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो यहां ब्राह्मण वोटरों की संख्या अधिक है। साल 2019 में इस सीट पर करीब 243810 ब्राह्मण वोटर थे। दूसरे नंबर पर अनुसूचित जातियों के वोटर थे और इनकी संख्या 231970 के आसपास थी। तीसरे नंबर पर मुस्लिम वोटर्स रहे जिनकी संख्या 221254 के आसपास थी। वहीं 191184 के आसपास राजपूत वोटर भी इस सीट के लिए निर्वाचित थे।

श्याम सिंह यादव के बारे में

यूपी के जौनपुर जिले से वर्तमान में 17 वीं लोकसभा में एक संसद सदस्य श्याम सिंह यादव एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और वे बहुजन समाज पार्टी के राजनेता है। वहीं अगर बात करें श्याम सिंह यादव के जीवन की तो उनका जन्म 31 मार्च 1954 को पिता उमा शंकर सिंह यादव और माता इंद्रावती यादव के घर जौनपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। श्याम सिंह यादव ने अपनी शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ साइंस, मास्टर ऑफ साइंस (1976) और एलएलबी (1979) की डिग्री हासिल की थी। श्याम सिंह की शादी 11 मार्च 1986 को पुष्पा यादव से हुई थी। जिनसे उन्हें एक बेटा और एक बेटी है वह पेशे से एक वकील और कृषिविद् हैं।

यादव जौनपुर से 17वीं लोकसभा में संसद सदस्य हैं और वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य और लोकसभा में पार्टी के नेता हैं। वह 2019 से पटल पर रखे गए पत्रों पर संसदीय समिति के अध्यक्ष भी बने हैं, साथ ही वह कोयला और इस्पात पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य भी हैं।

उन्होंने बीजिंग ओलंपिक खेल 2008 और मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेल 2006 में भारतीय निशानेबाजी टीम को कोचिंग दी। यादव उत्तर प्रदेश राज्य राइफल संघ के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष हैं। वह नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2016-2019 से मुंबई में सेंसर बोर्ड के सलाहकार बोर्ड के सदस्य थे।

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