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रॉबर्ट्सगंज की लोकसभा सीट जहां आज तक नहीं जीती महिला उम्मीदवार , जानिए इस सीट का इतिहास

रॉबर्ट्सगंज लोकसभा की सीट ऐसी हैं, जहां आज तक कभी कोई महिला सांसद नहीं चुनी गई है । इस सीट पर जब भी कोई महिला उम्मीदवार खड़ी हुई उसे हार का सामना करना पड़ा है। इस बार भी किसी राजनीतिक दल ने टिकट नहीं दिया है। इस सीट का इतिहास जानिए।

By: Desk Team  RNI News Network
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रॉबर्ट्सगंज की लोकसभा सीट जहां आज तक नहीं जीती महिला उम्मीदवार , जानिए इस सीट का इतिहास

Robertsganj Lok Sabha Seat : इन दिनों कई सारी बातों को लेकर भी चर्चा में है रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट

जिले की महिलाएं संसद में इन सीटों का प्रतिनिधित्व करने के लिए आज भी कर रही हैं इंतजार

सोनभद्र के नाम से जाने वाले रॉबर्ट्सगंज उत्तर -प्रदेश की वह लोक सभा सीट है जहां प्रदेश में चल रहे चुनावी माहौल में महिलाओं को लेकर सभी राजनीतिक दल बातें तो बहुत बड़ी- बड़ी करते हैं, लेकिन जब उन्हें पुरुषों के बराबर उनके हक और अधिकार दिए जाने का मामला सामने आता है, तो महिलाओं को पीछे छोड़ दिया जा रहा है। यह बात रॉबर्ट्सगंज लोक सभा सीट पर भी फिट बैठती है जहां लोकसभा सीट पर आजादी के बाद भी कोई महिला सांसद नहीं बन सकी।

19वीं लोकसभा चुनाव में भी राजनीतिक दल नहीं कर रहे महिला प्रत्याशी पर विचार

19वीं लोकसभा के लिए चुनाव के मतदान भी पड़ने शुरू हो गए हैं । हालांकि रॉबर्ट्सगंज की लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी ने धनेश्वर गौतम को अपना प्रत्याशी घोषित कर चुका है। अन्य सभी राजनीतिक दल रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर अपने मजबूत और जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश कर रहे हैं, लेक‍िन किसी राजनीतिक दल ने किसी महिला के नाम पर विचार नहीं किया जा रहा है। पूर्व के लोकसभा चुनाव में कुछ राजनीतिक दल ने इन सीट पर महिलाएं उम्मीदवार भी उतारा, लेकिन वो जीत हासिल करने में नाकाम रहीं। जिले की महिलाएं संसद में इन सीटों का प्रतिनिधित्व करने के लिए आज भी इंतजार कर रही हैं।

जानते हैं रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट का इतिहास

राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इस सीट पर वर्ष 1962 से लेकर वर्ष 1972 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राम स्वरुप ने लगातार अपनी तीन बार जीत दर्ज कराई। वर्ष 1977 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी के शिव संपत्ति राम सांसद बने। वर्ष 1980 और 1984 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रामप्यारे पनिका ने लगातार दो बार अपनी जीत दर्ज कराई। वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सूबेदार प्रसाद सांसद बने। वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में जनता दल से राम निहोर राय यहां के सांसद बने। वर्ष 1996 और 1999 तक भारतीय जनता पार्टी से राम शकल ने लगातार तीन बार इस सीट पर अपनी जीत हासिल की।

वर्ष 2014 के चुनाव में राबर्ट्सगंज की लोकसभा सीट मोदी लहर में एक बार फिर भगवामय हो गई

वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में बसपा के लाल चंद्र कोल ने अपनी जीत दर्ज की थी। मगर लालचंद कोल घूस कांड में पकड़े गए और उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी। वहीं वर्ष 2007 मध्यावधि में हुए उपचुनाव में बसपा से भाई लाल कोल ने जीत हासिल की। इसके बाद वर्ष 2009 में पकौड़ी लाल कोल ने समाजवादी पार्टी से रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर पहली बार जीत दर्ज कराई। वर्ष 2014 के चुनाव में राबर्ट्सगंज की लोकसभा सीट मोदी लहर में एक बार फिर भगवामय हो गई। बीजेपी के प्रत्याशी छोटेलाल खरवार ने बसपा के शारदा प्रसाद को करारी शिकस्त दी थी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और अपना दल (एस) ने गठबंधन किया। अपना दल (एस)- भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी पकौड़ी लाल कोल ने राबर्ट्सगंज के 18वें सांसद के रूप में जीत हासिल की।

महिला वोटरों की संख्या बढ़ी

रॉबर्ट्सगंज की इस लोकसभा सीट पर लगातार पुरुषों का ही दबदबा कायम रहा है। मतदाता सूची में महिला वोटरों की तादाद लगातार बढ़ रही है, लेकिन राजनीतिक दलों की ओर से टिकट नहीं मिलने से महिलाएं संसद में नहीं पहुंच पा रही हैं। तमाम प्रमुख राजनीतिक दलों की कथनी और करनी में भारी फर्क है। जब तक राजनीतिक पार्टियां अधिक से अधिक महिलाओं को टिकट नहीं देती, तब तक उनकी भागीदारी बढ़ाने की कल्पना तक नहीं की जा सकती. लेकिन टिकटों के बंटवारे के समय तमाम दल किसी न किसी बहाने महिलाओं को चुनाव लड़ने से दूर रखने का प्रयास करते रहे हैं।

भागीदारी सुनिश्चित करने की बातें

रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट के आंकड़े देखे जाएं तो वर्ष, 2014 के लोकसभा चुनाव में 52.51 फीसदी महिलाओं ने अपने वोट दिए थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 55.73 फीसदी महिलाओं ने अपने वोट दिए थे। वर्ष 2024 की लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर रहे हैं। हर पार्टी टिकट बंटवारे में महिलाओं की बराबर भागीदारी सुनिश्चित करने का दावा कर रही है, लेकिन रॉबर्ट्सगंज की लोकसभा सीट से आज तक कभी कोई महिला नहीं जीत पाई है।

मतदाताओं का गणित
राबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर कुल 13,79,511 मतदाता हैं। इनमें 73,35,05 पुरुष और 64,59,66 महिलाएं हैं। वर्ष 2019 में इस सीट पर 56.11 फीसदी मतदान हुआ था। सोनभद्र जिले में कुल 621 ग्राम पंचायत, 1409 राजस्व गांव, चार तहसील, 10 ब्लॉक और 22 पुलिस स्टेशन हैं। एक नगर पालिका परिषद, और 9 नगर पंचायत है। यहां की कुल आबादी करीब 20 लाख बताई जा रही है।

पांच विधानसभा से बनी है रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट

रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पांच विधानसभा से बनी है, जिसमे रॉबर्ट्सगंज, ओबरा (SC), दुद्धी (SC) घोरावल, और चकिया (SC) आती हैं। इसमें चकिया विधानसभा सीट चंदौली जिले में है, और बाकी चारों विधानसभाएं सोनभद्र जिले का हिस्सा है। रॉबर्ट्सगंज में बीजेपी बहुत मजबूत स्थिति में है। यहां के सभी पांचों विधानसभा में बीजेपी का कब्जा है।

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