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Agra News: कमिश्नर रितु माहेश्वरी चार्ज लेते ही ऐक्शन में आईं, नोएडा की तरह चमकेगा आगरा मंडल

रितु माहेश्वरी के कार्यकाल में नोएडा की जितनी बड़ी-बड़ी वाल हैं, मेट्रो स्टेशन के पिलर्स हैं उनपर खुबसूरत पेंटिंग और लाइटिंग की गई। उनके कार्यकाल में नोएडा में फाउंटेन बने। इतना ही नहीं उन्होंने आगरा से नोएडा इंटर करने के लिए एक बहुत बड़ा वेलकम गेट बनाया है।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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Agra News: कमिश्नर रितु माहेश्वरी चार्ज लेते ही ऐक्शन में आईं, नोएडा की तरह चमकेगा आगरा मंडल

आगरा मंडल की नई कमिश्नर रितु माहेश्वरी चार्ज लेते ही ऐक्शन में आ गईं हैं। गुरुवार को उन्होंने नगर निगम परिसर में स्थित आगरा स्मार्ट सिटी ऑफिस का औचक निरिक्षण किया। सबसे पहले उन्होंने इन्टीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण किया। जहां आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा कमिश्नर को इस परियोजना के सभी पहलुओं की जानकारी दी। नोएडा विकास प्राधिकरण की सीईओ रहीं रितु माहेश्वरी को आगरा मंडल के आयुक्त की जिम्मेदारी मिली है।

उन्होंने नोएडा की सीईओ रहते यहां की विकास की गति को तेज किया। नोएडा के सारे पार्कों को कब्जा मुक्त कराने का सबसे बड़ा योगदान रितु माहेश्वरी को जाता है। उन्होंने नोएडा के सभी पार्कों को अवैध कब्जे से मुक्त कराया। इसके बाद उन्होंने सारे पार्कों का स्वच्छ और सौंदर्यीकरण कराया। सभी पार्कों को योगा में कनवर्ट करने का श्रेय रितु माहेश्वरी को जाता है। उन्होंने नोएडा के हर कॉलोनी की रोड बनाई, सीवेज लाइन को दुरुस्त कराया है। इसके साथ ही उन्होंने स्ट्रीट लाइट से सभी कॉलोनियों को जगमगाने का काम किया।

रितु माहेश्वरी के कार्यकाल में नोएडा की जितनी बड़ी-बड़ी वाल हैं, मेट्रो स्टेशन के पिलर्स हैं उनपर खुबसूरत पेंटिंग और लाइटिंग की गई। उनके कार्यकाल में नोएडा में फाउंटेन बने। इतना ही नहीं उन्होंने आगरा से नोएडा इंटर करने के लिए एक बहुत बड़ा वेलकम गेट बनाया है। रितु माहेश्वरी ने नोएडा में जहां-जहां कब्जे थे एक-एक कर सभी को खाली कराया है। इतना ही नहीं उन्होंने बिल्डरों पर बड़े स्तर पर कार्रवाई की है। उन्होंने यहां पैसों की रिकवरी की है। जिन लोगों को उनके फ्लैट नहीं मिल पाए थे, उनको टाइम पर उन्होंने फ्लैट दिलवाया है। उन्होंने अपने इन चार सालों के कार्यकाल में इतने काम किए हैं कि गिना नहीं जा सकता। अब उनको आगरा मंडल की जिम्मेदारी मिली है। जिस तरह से उन्होंने नोएडा को सजाया और संवारा है, उस तरह से उम्मीद है कि अब आगरा मंडल भी विकास की गति पकड़ेगा और सुंदर और स्वच्छ बनेगा।

इसी कड़ी में वे चार्ज लेते ही ऐक्शन में आ गईं हैं। उन्होंने गुरुवार को औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उनको जानकारी दी गई कि इस परियोजना के अन्तर्गत 1216 सीसीटीवी कैमरे, नगर के उपयुक्त स्थलों नगरवासियों की सुरक्षा के लिये लगाये गये है। इस परियोजना में इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत मुख्य 43 चौराहों की निगरानी कमांड कन्ट्रोल सेन्टर से की जा रही है। इसके साथ ही इस परियोजना के अन्तर्गत आगरा शहर में सफाई की उचित व्यवस्था बनाने के लिए तीन लाख से अधिक घरों में आर.एफ. आई.डी. टैग लगाया गया है, जिससे घरों से निकलने वाले कूड़े को एकत्रित करने की प्रक्रिया का प्रबंधन एवं निगरानी एकीकृत कमांड एवं कंट्रोल सेंटर द्वारा किया जा रहा है। उनको जानकारी दी गई कि शहर के 38 स्थानों पर प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिये इन्वायरमेंट सेंसर्स भी स्थापित किये गये है।

इसके साथ ही उन्होंने चालान के सम्बन्ध में भी जानकारी की कि अब तक कितने वायलेशन हुये हैं और उसके सापेक्ष कितने चालान हुये हैं। उन्होंने इस बात की भी जानकारी की कि किन-किन कैटेगरी में चालान किये जाते हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि इसकी एक अलग से रिपोर्ट पोर्टल से जनरेट होकर आनी चाहिए। इस पर आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सी.डी.ओ ने जानकारी दी कि साल 2019 से आई.टी.एम.एस. सिस्टम के माध्यम से चालान जनरेट किये जाते हैं एवं अब तक कुल 5 लाख चालान किए गए हैं। जिसमें 53 करोड़ रुपए वसूले गए हैं।

उन्होंने इसके बाद पूछा कि चालान करके अब तक कितने रुपए की वसूली की गई है। उनको जानकारी दी गई कि चार करोड़ रुपए की धनराशि वसूली गयी है। इतनी कम वसूली को लेकर उन्होंने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी को ड्यूटी पर लगाने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के डैशबोर्ड का अवलोकन किया। यहां भी उन्होंने कर्मचारियों की उपस्थिति पोर्टल के माध्यम से न लगाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिये कि समस्त सफाई कर्मचारी की उपस्थिति पोर्टल के माध्यम से कराया जाना सुनिश्चित करें।

उन्होंने शिकायत सिस्टम का भी निरीक्षण किया। जहां उनको जानकारी हुई कि काम के बाद की फोटोग्राफ नहीं हैं। उस संबंध में उन्होंने भविष्य में कार्य के बाद की फोटोग्राफ लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने पूछा कि आर. एफ. आई.डी. की स्कैनिंग क्यों नहीं की जा रही है। पर्यावरण अभियन्ता उनके इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने निर्देशित किया कि इसको तत्काल शुरू कराया जाए। इसके साथ ही उन्होंने पूछा कि नगर निगम आगरा में कितने सैनेटरी इंस्पेक्टर, सुपरवाईजर एवं सफाईकर्मचारी हैं। उनके इस सवाल का जवाब देते हुए नगर आयुक्त आगरा ने जानकारी दी कि नगर निगम आगरा में 26 सैनेटरी इंसपेक्टर 6 सुपरवाईजर एवं 4500 सफाईकर्मचारी हैं।

इसके साथ ही उन्होंने निरीक्षण के दौरान ठोस वेस्टेज मैनेजमेंट के मॉनिटरिंग किये जाने के लिए नगर आयुक्त को निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी व्यक्त की कि भारत इलैक्ट्रानिक लिमिटेड का इतना सारा स्टॉफ यहां बैठकर करता क्या है? उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि एमएसआई परियोजना के ऑपरेशन मेंटिनेंस में एग्जक्यूटिव बॉडी ने इंटरेस्ट नहीं ली। भारत इलैक्ट्रानिक लि. के प्रतिनिधि को चेतावनी दी गयी कि जब तक ऑपरेशन मेंटिनेंस ठीक प्रकार से नहीं किया जायेगा। तब तक कार्यदायी संस्था को कोई भुगतान नहीं किया जायेगा। इसके सात ही पेनाल्टी लगाये जाने की कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के दौरान ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है।

इसके बाद उन्होंने शहर के कई स्थानों का भ्रमण किया। जहां उन्होंने साफ सफाई, सुलभ शौचालय इत्यादि का निरीक्षण किया। वहां गंदगी तथा अव्यवस्था मिलने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के दिशा निर्देश दिए।

आगरा से संवाददाता सैय्यद शकील की रिपोर्ट।

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