1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. Kargil Vijay Diwas: इकलौती महिला मेडिकल ऑफिसर जिन्होंने किया था घायल सैनिकों का इलाज…

Kargil Vijay Diwas: इकलौती महिला मेडिकल ऑफिसर जिन्होंने किया था घायल सैनिकों का इलाज…

कारगिल युद्ध के दौरान डॉक्टर प्राची गर्ग द्रास सेक्टर में आठवीं माउंटेन आर्टिलरी डिवीजन में तैनात थीं। प्राची ने कारगिल युद्ध क्षेत्र में करीब तीन महीने तक देश के वीर जवानों का इलाज किया।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
Updated:
Kargil Vijay Diwas: इकलौती महिला मेडिकल ऑफिसर जिन्होंने किया था घायल सैनिकों का इलाज…

यूपी सहित देशभर में कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर सीएम योगी ने वीर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है। ये भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 में कश्मीर के कारगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है। पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा पार करके भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी। हालांकि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को ध्वस्त करते हुए उसे पीछे खदेड़ दिया था।

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर यूपी की बात कारगिल युद्ध में एकमात्र महिला मेडिकल अधिकारी से रूबरू करवाएगी। गाजियाबाद जिले के अशोक नगर इलाके में रहने वाली डॉक्टर मेजर प्राची गर्ग.को एकमात्र महिला मेडिकल अधिकारी होने का गौरव प्राप्त है। इनकी उपलब्धियां यहीं कम नहीं होती कोरोना महामारी के भीषण दौर में दस हजार कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज भी इनकी ही देखरेख में हुआ था। इनसे जानेंगे कारगिल युद्ध की पूरी विजय गाथा।

कारगिल युद्ध के दौरान डॉक्टर प्राची गर्ग द्रास सेक्टर में आठवीं माउंटेन आर्टिलरी डिवीजन में तैनात थीं। प्राची ने कारगिल युद्ध क्षेत्र में करीब तीन महीने तक देश के वीर जवानों का इलाज किया। ब्रिगेड में मेजर प्राची एकमात्र महिला मेडिकल अफसर थीं। जिन्होंने तकरीबन 200 से अधिक घायल सैनिकों का इलाज किया।

डॉक्टर प्राची बताती हैं कि युद्ध के दौरान कई सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे, कई उनकी आंखों के सामने ही शहीद हो गए थे। आज भी उन्हें इस बात का दुख होता है कि वह देश के कई जांबाज सैनिकों को नहीं बचा पाईं। प्राची गर्ग कहती हैं कि अगर आज भी उन्हें सेना फिर से ज्वाइन करने का मौका मिले, तो वह जरूर करेंगी।

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान डॉक्टर प्राची गर्ग की देखरेख में तकरीबन दस हजार मरीजों का इलाज किया गया था। डॉक्टर प्राची कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करते हुए कोरोना वायरस की चपेट में आ गई थीं। कोरोना संक्रमित रहते हुए भी डॉक्टर प्राची ने टेलीमेडिसिन के माध्यम से कोरोना वायरस का इलाज किया।

साल 2016 में डॉक्टर प्राची को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अमृतसर में IMA के डॉक्टर एपी शुक्ला मेमोरियल सर्विस अवॉर्ड से सम्मानित किया था। इसके अलावा उन्हें नारी गौरव सम्मान समेत कई अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। 2018 में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन द्वारा उन्हें “नो प्लास्टिक कैंपेन” का ग्रीन एंबेसडर बनाया जा चुका है।

मेजर डॉक्टर प्राची बताती हैं कि एमबीबीएस करने से पहले ही उन्होंने मन में ठान लिया था कि उन्हें डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करनी है ना कि धन अर्जित करना है। मेजर प्राची बताती हैं कि उनके जीवन का मकसद लोगों को निशुल्क इलाज उपलब्ध कराना है। फिलहाल डॉक्टर मेजर प्राची एक चैरिटेबल हॉस्पिटल में बतौर सीईओ अपनी सेवाएं दे रही हैं। जहां पर निशुल्क लोगों को इलाज मुहैया कराया जाता है। साथ ही 3 दिन की दवाई भी निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है साथ ही सभी स्वास्थ्य जांच 40% पर की जाती हैं।

गाजियाबाद से संवाददाता नितिन कुमार की रिपोर्ट।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें गूगल न्यूज़, फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...