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Ghaziabad News: जीडीए की लापरवाही से माली आंदोलन के लिए मजबूर, पांच महीने से नहीं मिला मानदेय

समय से पेमेंट न होने पर ठेकेदार और माली दोनों की परेशानी बढ़ गई है। आपको बता दें कि गाजियाबाद के लगभग सभी ठेकेदार प्राधिकरण के पैसे ना देने की वजह से परेशान हैं।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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Ghaziabad News: जीडीए की लापरवाही से माली आंदोलन के लिए मजबूर, पांच महीने से नहीं मिला मानदेय

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के ठेके पर रखे गए माली हड़ताल पर हैं। हड़ताल कर रहे मालियों का आरोप है कि पिछले 5 महीने से इन्हें मानदेय नहीं मिला है। जिसकी वजह से घर में खाने पीने की दिक्कत आ गई है। यह भूखे प्यासे काम करते हैं। उसके बाद भी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने ठेकेदार की अभी तक करीब पांच महीने का मानदेय नहीं किया गया है। अब ठेकेदार भी अपने पास से पैसे दे दे कर के थक चुका है। यही वजह है कि माली आंदोलन के लिए विवश हो गए हैं। उन्होंने स्वर्ण जयंती पार्क का कामकाज पूरी तरह से बंद कर दिया है।

स्वर्ण जयंती पार्क में काम करने वाले दर्जनों माली का कहना है कि सैलरी देने के लिए आजकल-आजकल करते रहते हैं। लेकिन मानदेय नहीं दे रहे हैं। उन्होंने अपनी परेशानियों को बताते हुए कहा कि माली कर्ज में डूबते जा रहे हैं। कर्ज लेकर घर का खर्च चल रहा है। बच्चों के बीमार होने पर उनका इलाज नहीं हो पा रहा है। इसके बाद भी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण अपने ठेकेदारों को समय से पेमेंट नहीं कर रहा है।

समय से पेमेंट न होने पर ठेकेदार और माली दोनों की परेशानी बढ़ गई है। आपको बता दें कि गाजियाबाद के लगभग सभी ठेकेदार प्राधिकरण के पैसे ना देने की वजह से परेशान हैं। यही वजह है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में कोई ठेकेदार काम करने के लिए तैयार नहीं है। वहीं, जीडीए अपनी आर्थिक तंगी का रोना रोता है। जीडीए की आर्थिक तंगी से मालियों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।

मालियों का आरोप है कि पांच महीने से उनको मानदेन नहीं दिया गया है। उनका आरोप है कि ठेकेदार परेशानी सुनने को राजी ही नहीं हैं। जबकि जीडीए पैसा दे ही नहीं रहा है। उन्होंने बताया कि पैसे देने के नाम पर आज-कल किया जा रहा है। उन्होंने पिछले पांच महीने का बिजली बिल देना है। मकान मालिक का किराया देना है। राशन वालों को देना है। उनका आरोप है कि पैसे नहीं मिलने से बच्चों को खिलाने में भी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि कई दिन से हम लोग भी भूखे हैं। इसलिए हम धरना दे रहे हैं।

गाजियाबाद से संवाददाता नितिन कुमार की रिपोर्ट।

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