विंध्याचल धाम में भक्तों की अपार आस्था देखने को मिली। बीते 23 दिनों में 74 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी के दर्शन किए, जबकि 30 लाख से ज्यादा वाहन मिर्जापुर जिले की सीमा से होकर गुजरे। कुल मिलाकर, अब तक साढ़े चार करोड़ से अधिक लोगों का आवागमन दर्ज किया गया है।
महाकुंभ के प्रभाव से बढ़ी भीड़
प्रयागराज महाकुंभ के पलट प्रवाह और गुप्त नवरात्र के चलते विंध्य धाम में भक्तों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि देखी गई। 11 जनवरी से 2 फरवरी के बीच मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए 74.5 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। प्रशासन द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, विंध्य कॉरिडोर बनने के बाद मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
दर्शन के नए रिकॉर्ड बने
अमावस्या के अगले दिन मंदिर में दर्शन का एक नया रिकॉर्ड बना, जब एक ही दिन में 10 लाख से ज्यादा भक्तों ने मां विंध्यवासिनी के चरणों में शीश नवाया। तीर्थ पुरोहितों के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में भक्तों का आना पहले कभी नहीं देखा गया था।
जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, 2 फरवरी तक 25 लाख से अधिक छोटे-बड़े वाहन मिर्जापुर से गुजर चुके थे। अमावस्या से दो दिन पहले और दो दिन बाद तक सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें नजर आईं। अब तक करीब 4.5 करोड़ लोगों ने मिर्जापुर के विभिन्न मार्गों का इस्तेमाल किया है।
प्रशासन की भूमिका
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि 11 जनवरी से 2 फरवरी के बीच 70 लाख से अधिक श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के दर्शन कर चुके हैं। प्रशासनिक प्रबंधन और मां की कृपा से इतनी बड़ी संख्या में भक्तों को सुगमता से दर्शन कराए गए। उन्होंने कहा कि यह अनुभव आने वाले 30 वर्षों तक विंध्याचल में योजनाओं के निर्माण और उनके प्रभावी क्रियान्वयन में सहायक होगा।
वसंत पंचमी पर उमड़ा भक्तों का सैलाब
प्रयागराज महाकुंभ और गुप्त नवरात्र के दौरान वसंत पंचमी पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। गंगा स्नान के बाद करीब 3.5 लाख श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी के दर्शन किए। गंगा घाटों से लेकर मंदिर परिसर तक भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिलीं।
इसके साथ ही, मंदिर की छत पर कई श्रद्धालुओं ने अपने बच्चों के मुंडन संस्कार कराए। शहनाई, नगाड़े और मां के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। सुबह से शुरू हुआ दर्शन का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा।
विंध्याचल धाम में हाल के दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। महाकुंभ के प्रभाव, गुप्त नवरात्र और विंध्य कॉरिडोर के चलते भक्तों की आस्था का ऐसा अद्भुत नजारा देखने को मिला। प्रशासन द्वारा बेहतर व्यवस्था किए जाने से श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन में कोई कठिनाई नहीं हुई और इस ऐतिहासिक तीर्थस्थल की आध्यात्मिक महिमा और अधिक बढ़ गई।