उत्तर प्रदेश में महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार एक बार फिर अपने संकल्प को दोहराती दिख रही है। हाल ही में एक गंभीर प्रकरण में आरोपी जलालउद्दीन की समाज-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था को लेकर किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि राज्य सरकार बहन-बेटियों की सुरक्षा के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी न केवल महिलाओं के प्रति अपराध में शामिल है, बल्कि उसकी गतिविधियाँ समाज और राष्ट्र की स्थिरता के लिए भी खतरा हैं।
सरकार ने यह निर्णय लिया है कि आरोपी और उसके गिरोह से जुड़े सभी अपराधियों की संपत्तियों को जब्त किया जाएगा। इसके साथ ही उन पर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाएगी ताकि यह कार्रवाई समाज में एक मजबूत संदेश भेजे कि उत्तर प्रदेश में अपराध और अराजकता को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में शांति, सौहार्द और महिलाओं की सुरक्षा को भंग करने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है। ऐसे तत्वों को कानून के अनुसार सजा दी जाएगी जो समाज के लिए एक उदाहरण बने।
यह रुख मुख्यमंत्री के उस शासन मॉडल का प्रतीक है, जिसमें “जीरो टॉलरेंस फॉर क्राइम” नीति को जमीनी स्तर पर लागू किया गया है। बीते वर्षों में महिला सुरक्षा को लेकर मिशन शक्ति, पिंक बूथ, महिला हेल्पलाइन और फास्ट ट्रैक कोर्ट जैसी कई योजनाओं व अभियानों की शुरुआत हुई है। सरकार की कोशिश यही है कि बेटियां निर्भय होकर समाज में आगे बढ़ सकें।
यह घटना और सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया यह साबित करती है कि उत्तर प्रदेश अब महिला सुरक्षा के मुद्दे पर न केवल गंभीर है, बल्कि उस पर पूरी शक्ति से कार्रवाई कर रहा है।