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UP : योगी सरकार की योजना ; यूपी में नदियों को मिलेगा जीवन, जुटेंगे समस्त जनपद

UP : उत्तर प्रदेश सरकार ने नदियों के पुनरुद्धार के लिए स्रोत से संगम तक समन्वित रणनीति अपनाई है। योजना में गाद निकासी, नदी किनारों पर वृक्षारोपण और जल संरक्षण के तकनीकी उपाय शामिल हैं। इससे न केवल जल प्रवाह सुचारू होगा, बल्कि पर्यावरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगा।

By: Desk Team  RNI News Network
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UP : योगी सरकार की योजना ; यूपी में नदियों को मिलेगा जीवन, जुटेंगे समस्त जनपद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह पहल प्रदेश की नदियों को स्वच्छ, बहने योग्य और पर्यावरण के अनुकूल बनाने का प्रयास है। यह एक मॉडल योजना है, जो अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बनेगी। नदियों के पुनरुद्धार से न केवल जल संरक्षण होगा, बल्कि यह लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने नदियों के पुनरुद्धार के लिए एक समन्वित रणनीति अपनाई है, जिसका लक्ष्य प्रदेश की हर नदी को उसके स्रोत से लेकर अंतिम संगम तक सुरक्षित और संरक्षित बनाना है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह योजना लागू की जा रही है, जिसमें नदियों की जलधारा को पुनर्स्थापित करने के साथ-साथ जल गुणवत्ता, जल उपलब्धता और जैव विविधता को टिकाऊ तरीके से संरक्षित करना शामिल है।

इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक नदी के रास्ते में आने वाले सभी जिलों को संयुक्त कार्ययोजना बनाकर नदी पुनरुद्धार के लिए काम करना होगा। नदियों की गाद निकासी (डिसिल्टेशन), चैनलाइजेशन और कोर्स करेक्शन जैसे तकनीकी उपाय किए जाएंगे, ताकि जल प्रवाह सुचारू रूप से जारी रह सके। साथ ही, नदी किनारों पर अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र बनाए जाएंगे और वहां सघन वृक्षारोपण भी किया जाएगा, जिससे नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षा मिलेगी।

यह नीति सिर्फ नदी के प्रवाह को बहाल करने तक सीमित नहीं है, बल्कि तालाबों का जीर्णोद्धार, कैचमेंट क्षेत्र में चेक डैम और वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट की स्थापना जैसे संरक्षणात्मक कार्यों को भी शामिल करती है। नदी से जुड़ी तालाब श्रृंखलाओं को चिन्हित कर संरक्षित किया जाएगा, जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। इससे नदियों के जल स्रोतों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और जल जीवन मिशन, नमामि गंगे जैसे अभियानों को मजबूती मिलेगी।

प्रत्येक नदी की पूरी लंबाई को स्रोत से संगम तक चिन्हित किया जाएगा, और संबंधित जिलों की प्रशासनिक इकाइयों द्वारा मिलकर काम किया जाएगा। नदी की दिशा सुधारने और जलधारा सुगम बनाने के लिए आधुनिक तकनीकी हस्तक्षेप किए जाएंगे। नदी किनारों पर पौधारोपण और जल संरक्षण की योजनाओं को लागू किया जाएगा, जैसे चेक डैम, रिचार्ज पिट्स और जल संग्रहण संरचनाएं। इन उपायों से न केवल नदियों में साल भर जल प्रवाह सुनिश्चित होगा, बल्कि भूजल स्तर में भी वृद्धि होगी।

इस योजना से प्रदेश की नदियों को “जीवित धरोहर” के रूप में संरक्षित किया जाएगा, जो जल संरक्षण के साथ-साथ जैव विविधता की सुरक्षा में भी मदद करेगी। यह न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में सहायक होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि, और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी। इससे जल संकट कम होगा, कृषि उत्पादन सुधरेगा, और क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।

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