उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बच्चों को अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनाने की दिशा में एक महत्वाकांक्षी पहल शुरू की गई है। प्रदेश के सभी ब्लॉकों में सरकारी स्कूलों में एस्ट्रो लैब स्थापित की जा रही हैं, ताकि बच्चों को केवल किताबों से ही नहीं बल्कि प्रयोगों और तकनीक के सहारे भी विज्ञान की गहराई सिखाई जा सके। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कई जिलों में यह एस्ट्रो लैब्स बनकर तैयार हो चुकी हैं, जिनका लाभ ग्रामीण अंचल के छात्र-छात्राओं को मिल रहा है।
सरकार ने इन एस्ट्रो लैब्स को “अमृत काल लर्निंग सेंटर्स” नाम दिया है। इन्हें पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर विकसित किया गया है, जिससे निजी क्षेत्र की भागीदारी और गुणवत्ता का लाभ ग्रामीण बच्चों को मिल रहा है। इन प्रयोगशालाओं में डॉबसोनियन टेलीस्कोप, पीआर हेडसेट, माइक्रोस्कोप, मानव शरीर रचना मॉडल समेत तमाम अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। इनसे बच्चों को अंतरिक्ष, प्रकाश, गुरुत्वाकर्षण जैसे जटिल विषयों को समझने का मौका मिल रहा है।
बलिया के जिलाधिकारी मंगला प्रसाद के मुताबिक, जिले के सभी 17 ब्लॉकों में एस्ट्रो लैब स्थापित कर दी गई हैं। यहां विज्ञान और खगोलशास्त्र के प्रयोगों के जरिये बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किया जा रहा है। बलिया के मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज ने बताया कि प्रत्येक लैब पर 2.5 से 3 लाख रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें उपकरणों के साथ-साथ शिक्षकों का प्रशिक्षण भी शामिल है।
इन लैब्स में शिक्षकों को भी विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है, ताकि वे आधुनिक उपकरणों और बच्चों की जिज्ञासा आधारित शिक्षा में मददगार बन सकें। इस ओरिएंटेशन प्रोग्राम, वीडियो गाइड और मेंटरशिप की भी व्यवस्था की गई है। सीडीओ ओजस्वी राज ने कहा कि अब बच्चे सवाल पूछने लगे हैं, आकाश को उत्सुकता से देखने लगे हैं और ब्रह्मांड के रहस्यों में रुचि दिखा रहे हैं। यह बदलाव प्रदेश में विज्ञान और तकनीकी शिक्षा को लेकर एक नई ऊर्जा भर रहा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि गांव के बच्चे भी वही अवसर पाएं, जो अब तक सिर्फ बड़े शहरों के बच्चों को मिलते रहे। योगी सरकार का मानना है कि नासा या इसरो में पहुंचने वाले वैज्ञानिक सिर्फ शहरी पृष्ठभूमि से ही नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत से भी निकल सकते हैं, अगर उन्हें बचपन से ही सही दिशा और अवसर दिए जाएं। एस्ट्रो लैब्स इसी सपने को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम हैं।
यह पहल यह भी दिखाती है कि प्रदेश सरकार तकनीक-समर्थ और गुणवत्ता आधारित शिक्षा का विस्तार करने को कितनी गंभीरता से ले रही है। एस्ट्रो लैब्स न केवल विज्ञान, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था के प्रति बच्चों में बेहतर समझ पैदा कर रही हैं। इस प्रयास से यह स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में यूपी के बच्चे अंतरिक्ष विज्ञान समेत तमाम उभरते हुए क्षेत्रों में अपना परचम लहराने को तैयार होंगे।