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योगी सरकार का बड़ा ऐक्शन, नोएडा के 20 हॉस्पिटल्स को जारी हुआ कारण बताओ नोटिस

जिला स्वास्थ्य विभाग के उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंदन सोनी ने बताया कि बिना पंजीकरण के चल रहे अस्पताल और क्लीनिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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योगी सरकार का बड़ा ऐक्शन, नोएडा के 20 हॉस्पिटल्स को जारी हुआ कारण बताओ नोटिस

नोएडा में योगी सरकार ने बड़ा ऐक्शन लिया है। यहां बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध तरह से संचालित हो रहे 170 से ज्यादा अस्पताल और निजी क्लीनिक अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं। जिसमें से अब तक 20 को नोटिस जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन हॉस्पिटल्स और क्लीनिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। सभी हॉस्पिटल्स और क्लीनिक संचालकों को 15 दिन के भीतर जवाब देना होगा। अगर वे इन 15 दिनों में जवाब नहीं दे पाए तो सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।

आपको बता दें हॉस्पिटल, नर्सिंग होग और क्लीनिक संचालित करने के लिए क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट (रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन) एक्ट 2010 के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन की समय सीमा 30 तक ही थी, जो पहले ही खत्म हो गई है। जिले में 584 हॉस्पिटल्स और निजी क्लीनिकों को मानक पूरा करके रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन देना था। लेकिन तय समय सीमा में 474 ने ही आवेदन किया। इनमें से 60 क्लीनिक और अस्पतालों के आवेदन मानक पूरे नहीं होने पर रद्द किए गए हैं।

जिला स्वास्थ्य विभाग के उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंदन सोनी ने बताया कि बिना पंजीकरण के चल रहे अस्पताल और क्लीनिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अब तक 20 नोटिस जारी हो गए हैं, एक सप्ताह में अन्य 150 को भी नोटिस भेज दिए जाएंगे। नोटिस के माध्यम से पंजीकरण नहीं कराने की वजह पूछी गई है। जिनके आवेदन रद्द हुए हैं उनसे पूछा गया है कि कब तक खामियां सुधार ली जाएंगी। नोटिस के बाद भी कमियां दूर नहीं होने और पंजीकरण नहीं कराने पर इन अस्पतालों और क्लीनिकों को अवैध मानते हुए सीलिंग की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

आपको बता दें कि यहां बिना रजिस्ट्रेशन के कई हॉस्पिटल और क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। इनके पास न तो ट्रेंन्ड डॉक्टर हैं, और न ही स्वास्थ्यकर्मी। बावजूद इसके बुखार से लेकर ऑपरेशन तक का जिम्मा उठाकर मरीजों की जान जोखिम में डालने से नहीं चूकते। जब मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है तो उनको रेफर कर दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गैर पंजीकृत क्लीनिक और पांच प्रतिशत के कोटे वाले भूखंडों, ग्रामीण आबादी और रिहायशी इलाकों में चल रहे हैं। इनमें अग्निशमन सुरक्षा, बॉयोमेडिकल कचरा निस्तारण और प्रदूषण नियंत्रण के मानकों का उल्लंघन हो रहा है।

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