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Annapurna Bhawan : प्रदेश में राशन व्यवस्था को नई पहचान दे रही योगी सरकार

Annapurna Bhawan : उत्तर प्रदेश में राशन वितरण प्रणाली को सशक्त और आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में योगी सरकार"अन्नपूर्णा भवनों" के निर्माण की योजना को जमीन पर उतार रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रतिवर्ष प्रत्येक जनपद में 75 से 100 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण किया जाएगा।

By: Desk Team  RNI News Network
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Annapurna Bhawan : प्रदेश में राशन व्यवस्था को नई पहचान दे रही योगी सरकार

Lucknow : उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को पारदर्शी, प्रभावी और जनोन्मुखी बनाने के लिए योगी सरकार द्वारा ‘अन्नपूर्णा भवन योजना’ को सक्रिय रूप से लागू किया जा रहा है। यह योजना न केवल राशन वितरण प्रणाली को आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लाभार्थियों को सम्मानजनक और सुव्यवस्थित सेवाएं देने का माध्यम भी बन रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह योजना प्रशासनिक नवाचार के साथ जनहित को केंद्र में रखकर चलाई जा रही है।

अब तक प्रदेश में 3,534 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है, जबकि लगभग 2,000 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान प्रत्येक जनपद में 75 से 100 अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है। इन भवनों का निर्माण विभिन्न वित्तीय स्रोतों जैसे मनरेगा, राज्य वित्त आयोग, सांसद निधि, विधायक निधि, पूर्वांचल और बुंदेलखंड विकास निधि आदि से किया जा रहा है। जहां इन निधियों से धनराशि उपलब्ध नहीं हो पा रही, वहां सरकार की राजकोषीय बचत से वित्तीय व्यवस्था की जा रही है।

शहरी क्षेत्रों में भूमि की कमी को देखते हुए क्लस्टर भवनों की अवधारणा लागू की गई है। एक क्लस्टर में 2 से 5 उचित दर दुकानें एक स्थान पर बनाई जा रही हैं, जिससे भूमि का समुचित उपयोग और राशन आपूर्ति में सुविधा सुनिश्चित होती है। प्रत्येक अन्नपूर्णा भवन लगभग 484 वर्गफीट में बनाया जा रहा है, जिसमें दुकान संचालन कक्ष, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) कक्ष और प्रतीक्षा हॉल शामिल होता है।

भवन निर्माण की जिम्मेदारी स्थानीय कार्यदायी संस्थाओं को दी गई है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिकता ग्राम पंचायतों को और शहरी क्षेत्रों में विकास प्राधिकरण को दी गई है। निर्माण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए किसी भी प्रकार का सेन्टेज चार्ज लागू नहीं है और जिलाधिकारी स्तर पर नामित अधिकारी निर्माण की निगरानी कर रहे हैं।

भूमि चयन की प्रक्रिया में सरकारी, पंचायत, सहकारी संस्थाओं या दान में प्राप्त भूमि को प्राथमिकता दी जाती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि भवन ऐसी जगह हों जो आमजन के लिए सुलभ, अविवादित और आपदा से सुरक्षित हों। विशेष रूप से उन स्थानों पर पहले भवन बनाए जा रहे हैं जहां उचित दर दुकानें संकरी गलियों में स्थित हैं या जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं।

‘अन्नपूर्णा भवन योजना’ के माध्यम से योगी सरकार न केवल खाद्यान्न वितरण की गुणवत्ता और सुविधा में सुधार ला रही है, बल्कि स्थानीय निकायों की भूमिका को भी मजबूत कर रही है। यह योजना प्रदेश के गरीबों और जरूरतमंदों को सम्मानपूर्वक सेवा देने की दिशा में एक सशक्त और दूरदर्शी कदम साबित हो रही है।

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