1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. UP : सीएम योगी के 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी लक्ष्य में अहम भूमिका निभा सकता है एल्कॉहलिक बेवरेज उद्योग

UP : सीएम योगी के 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी लक्ष्य में अहम भूमिका निभा सकता है एल्कॉहलिक बेवरेज उद्योग

UP : उत्तर प्रदेश के एल्कोबेव उद्योग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 56,000 करोड़ रुपए का योगदान देकर राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। यह उद्योग 5.3 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है और कृषि, पर्यटन समेत कई क्षेत्रों से जुड़ा है। ISWAI की रिपोर्ट में इसके बहुआयामी प्रभाव और नीतिगत सुधारों की जरूरत पर भी जोर दिया गया है।

By: Desk Team  RNI News Network
Updated:
UP : सीएम योगी के 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी लक्ष्य में अहम भूमिका निभा सकता है एल्कॉहलिक बेवरेज उद्योग

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प के अनुसार राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला बनाने के लक्ष्य में विभिन्न सेक्टर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, जिसमें एल्कॉहलिक बेवरेज (एल्कोबेव) उद्योग भी एक महत्वपूर्ण हिस्सेदार है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान इस उद्योग ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 56,000 करोड़ रुपए का योगदान दिया, जो राज्य की कुल जीडीपी का लगभग 2.4 प्रतिशत है। यह उद्योग न केवल राजस्व जुटाता है, बल्कि कृषि, निर्माण, पैकेजिंग, आतिथ्य, लॉजिस्टिक्स और रीटेल जैसे कई क्षेत्रों से जुड़कर लगभग 5.3 लाख लोगों को रोजगार भी प्रदान करता है।

इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) ने प्रदेश के एल्कोबेव उद्योग पर अपनी पहली व्यापक रिपोर्ट “बिल्डिंग पाथवेज फॉर फ्यूचर इन्वेस्टमेंट्स एंड ग्रोथ: एल्कोहलिक बेवरेजेस इंडस्ट्री इन उत्तर प्रदेश” जारी की है। इस रिपोर्ट में प्रदेश की अर्थव्यवस्था, रोजगार, कृषि, पर्यटन और औद्योगिक विकास में इस उद्योग की बहुआयामी भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। रिपोर्ट के विमोचन के अवसर पर एक्साइज राज्य मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी, प्रगतिशील एक्साइज नीतियों के निर्माण में प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट नौकरियों के सृजन से लेकर गांवों की प्रगति और पर्यटन के विकास तक इस उद्योग के योगदान को दर्शाती है और मुख्यमंत्री योगी के वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के विजन को पूरा करने में मदद करेगी। एक्साइज कमिश्नर डॉ. आदर्श सिंह ने भी कहा कि हाल के वर्षों में प्रदेश ने एक्साइज क्षेत्र में बड़े सुधार किए हैं, जिनसे निवेश को बढ़ावा मिला है।

यह रिपोर्ट पहली बार ISWAI द्वारा उद्योग विशेषज्ञों और इंटरनेशनल वाइन एंड स्पिरिट रिसर्च (IWSR) जैसे विश्वस्तरीय संस्थानों के सहयोग से तैयार की गई है। इसमें नीतिगत सुझाव भी दिए गए हैं, जिनमें प्रीमियम उत्पादों पर टैक्स संरचना को युक्तिसंगत बनाना, रीटेल नेटवर्क का विस्तार, निर्यात समर्थन, और विनियामक प्रक्रिया में डिजिटलीकरण के माध्यम से कारोबार की सरलता सुनिश्चित करना शामिल है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं में उल्लेख है कि उत्तर प्रदेश में टैक्स संग्रह का लगभग 25% हिस्सा एल्कोहलिक बेवरेज उद्योग से आता है। राज्य में एल्कोहल सर्व करने वाले लाइसेंसी फूड एंड बेवरेज (F&B) संस्थान अपनी कुल कमाई का 14-19% हिस्सा एल्कोहल बिक्री से कमाते हैं, जो 50,000 से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं। 27,308 लिकर रीटेल आउटलेट लगभग 1.3 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। इसके अलावा, बेवरेज उत्पादन के लिए उपयोग होने वाले अनाज और गन्ने की खरीद से 3.4 लाख से अधिक किसान सीधे लाभान्वित होते हैं।

यह उद्योग फिरोजाबाद की ग्लास इकोनॉमी में भी बड़ा योगदान देता है, जहां कंटेनर ग्लास उत्पादन के 80% हिस्से का उपयोग बेवरेज सेक्टर में होता है। यूपी की एक्साइज पॉलिसी 2025-26 पर्यटन विभाग के सहयोग से वाइनरी और माइक्रो-ब्रेवरी की स्थापना कर एल्कोहल टूरिज्म को भी बढ़ावा देती है। इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) सेगमेंट में वार्षिक 10% की वृद्धि दर्ज हुई है, जो प्रीमियम उत्पादों की बढ़ती मांग को दर्शाती है।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें गूगल न्यूज़, फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...