लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भूली-बिसरी नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। वर्षों से सूखी, गाद से भरी और अतिक्रमण की शिकार नदियां अब फिर से लबालब बहने लगी हैं। यह परिवर्तन सिर्फ नदियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे हरियाली, पर्यावरण और ग्रामीणों की खुशहाली का नया दौर शुरू हुआ है। प्रदेश की 82 नदियों के किनारे अब तक दो करोड़ 14 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया जा चुका है।पर्यावरण, स्वच्छता और जल संरक्षण की दिशा में यह ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है।
नदी किनारे पौधरोपण में जालौन जिला पहले स्थान पर है, जहां 31 लाख से अधिक पौधे लगाए गए। 24 लाख से अधिक पौधे नदी किनारे रोपकर झांसी जिला दूसरे स्थान, जबकि हमीरपुर नदी किनारे पौधरोपण में तीसरे स्थान पर रहा, जहां 16 लाख से अधिक पौधे रोपे गए। पौधरोपण का यह महा अभियान तीव्र गति से लगातार चल रहा है।
हर जिले में छोटी नदियों का किया जा रहा पुनरुद्धार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के तहत हर जिले में छोटी नदियों का कायाकल्प युद्धस्तर पर किया जा रहा है। यह कार्य राज्य स्वच्छ गंगा मिशन, नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की सक्रियता से संभव हो पाया है। मनरेगा योजना के तहत नदियों से जुड़े तालाबों की खुदाई भी कराई जा रही है। वन विभाग के सहयोग से जिला गंगा समितियों द्वारा नदियों के दोनों किनारों पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जा रहा है।
जन सहयोग से बदली तस्वीर, प्रशासनिक तत्परता ने दिलाया भरोसा
नदी पुनर्जीवन का यह बदलाव केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि जन सहयोग, राजनीतिक संकल्प और प्रशासनिक तत्परता के सामूहिक समन्वय से संभव हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच और जनभावनाओं के अनुरूप योजनाएं अब धरातल पर साकार हो रही हैं।
किसानों के चेहरे पर लौटी मुस्कान
नदियों के पुनर्जीवन से जहां हरियाली बढ़ी है, वहीं किसानों के खेतों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल भी मिलने लगा है। इससे कृषि उत्पादन में इजाफा हुआ है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार आया है। इसके साथ ही नदियों के पुनरुद्धार से भूजल स्तर भी सुधरा है।
भावी पीढ़ियों के लिए एक हरित भविष्य की नींव
यह अभियान न केवल नदियों को पुनर्जीवित करने का कार्य है, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए एक हरित भविष्य की नींव रखने जैसा है। इस प्रकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नदियों के पुनरुद्धार का यह महाअभियान उत्तर प्रदेश को एक बार फिर ‘हरित प्रदेश’ की ओर अग्रसर कर रहा है। यह पर्यावरणीय जागरूकता के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक पुनरुत्थान की मिसाल बनता जा रहा है।
82 नदियों के किनारे रोपे जा रहे पौधे
गंगा, यमुना, गोमती, सरयू, तमसा, मंदाकिनी, राप्ती, बेतवा, घाघरा समेत छोटी बड़ी कुल 82 नदियों के किनारे पौधरोपण किया जा रहा है। इनमें हर जिले में एक-एक पुनर्जीवित की जा रही ईशन, नून, पीली नदी आदि नदियां भी शामिल हैं।