उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मयंकेश्वर शरण सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद की कानून-व्यवस्था और विकास योजनाओं की गहन समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में केन्द्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं, निर्माण कार्यों और विभागीय प्रगति पर विभागवार विश्लेषण किया गया। प्रभारी मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ हर हाल में पहुंचे और प्रचार-प्रसार के माध्यम से जनता को योजनाओं की जानकारी दी जाए।
स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष जोर
स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए मंत्री ने CMO से सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की उपस्थिति, दवाओं की उपलब्धता, एंबुलेंस, इमरजेंसी सुविधाओं की जानकारी ली और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाने को कहा। वहीं, ऑपरेशन कायाकल्प के तहत सभी विद्यालयों में बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने और मानकों के अनुरूप कार्य कराने के निर्देश दिए।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तेज कार्रवाई के निर्देश
बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए प्रभारी मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को सतत भ्रमणशील रहने, दवा और चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, सड़कें गड्ढा मुक्त करने और निर्बाध आवागमन के लिए विशेष प्रबंध करने को कहा। मनरेगा योजनाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता पूर्ण कार्यों की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।
रोजगार मेलों और पीएम आवास योजना को मिली प्राथमिकता
प्रभारी मंत्री ने सभी विकास खंडों में रोजगार मेले आयोजित कर अधिक से अधिक युवाओं को लाभ पहुंचाने और प्रचार के लिए इंजीनियरिंग व डिग्री कॉलेजों को भी जोड़े जाने की बात कही। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत पात्रों को शीघ्र आवास आवंटन और पंचायत के कार्यों में सभी क्षेत्रों को शामिल करने के निर्देश भी दिए गए।
पर्यटन विकास कार्यों में देरी पर जताई नाराजगी
बालेश्वर मंदिर सौंदर्यीकरण में देरी और गुणवत्ता में कमी पर नाराजगी जताते हुए मंत्री ने कार्यदायी एजेंसियों पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। 84 कोसीय परिक्रमा मार्ग और सुनासर देवी मंदिर, दशाश्वमेघ घाट (नैमिषारण्य) सहित अन्य पर्यटन स्थलों के विकास कार्य समयबद्ध रूप से पूर्ण कराने की बात दोहराई।
जल जीवन मिशन और सड़कों की बहाली पर जोर
जल जीवन मिशन के अंतर्गत खुदाई के बाद सड़कों की मरम्मत और रिस्टोरेशन कार्यों की गुणवत्ता को लेकर सख्त निर्देश दिए गए। पाइपलाइन बिछाने के बाद यदि सड़क बहाल नहीं की जाती तो कार्यदायी संस्था पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई।