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Lucknow : राज्यपाल की अध्यक्षता में ABVMU का प्रथम दीक्षांत समारोह सम्पन्न, 8507 उपाधियाँ कीं प्रदान

Lucknow : अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रथम दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 8507 उपाधियाँ प्रदान कीं, जिनमें 72% छात्राएँ रहीं।73 छात्रों को स्वर्ण व रजत पदक दिए गए, जिनमें 82% पदकधारी छात्राएँ थीं।राज्यपाल ने महिलाओं की बढ़ती भूमिका, बच्चों की प्रतिभा और सामाजिक जागरूकता पर बल देते हुए विद्यार्थियों को जनसेवा हेतु प्रेरित किया।

By: Desk Team  RNI News Network
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Lucknow : राज्यपाल की अध्यक्षता में ABVMU का प्रथम दीक्षांत समारोह सम्पन्न, 8507 उपाधियाँ कीं प्रदान

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ का प्रथम दीक्षांत समारोह भव्यता एवं गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल ने कुल 8507 उपाधियाँ प्रदान कीं, जिनमें से 6150 उपाधियाँ छात्राओं को प्राप्त हुईं। यह कुल संख्या का लगभग 72 प्रतिशत है, जबकि मात्र 28 प्रतिशत छात्र ही इस उपलब्धि में सहभागी हो सके। समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 73 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण एवं रजत पदक प्रदान किए गए, जिनमें से 60 पदकधारी छात्राएँ रहीं, अर्थात कुल 82 प्रतिशत छात्राएँ पदक प्राप्त करने में सफल रहीं। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 300 आंगनबाड़ी केंद्रों को किट भी प्रदान कीं।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई  के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होना उनके लिए विशेष हर्ष का विषय है, क्योंकि उन्हें स्वयं अटल से जनप्रतिनिधि के दायित्व, कार्यकुशलता और जनता के प्रति मर्यादित व्यवहार का अमूल्य मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है।

राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह में महिलाओं द्वारा अधिक उपाधियाँ और पदक अर्जित करना इस बात का प्रमाण है कि अब कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहाँ उनका वर्चस्व न हो। आने वाले समय में महिलाएँ प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाएँगी। उन्होंने स्मरण दिलाया कि पहले परिवारों का ध्यान बेटियों की शिक्षा की बजाय विवाह पर अधिक केंद्रित रहता था। बेटियों में अपार कौशल होते हुए भी अवसरों की कमी और बेटे-बेटी के बीच असमानता उनके मार्ग में बाधा थी। इसके बावजूद बेटियों ने परिवार और समाज, दोनों स्तरों पर संघर्ष किया और आज वे हर क्षेत्र में सफलता अर्जित कर रही हैं। कृषि क्षेत्र, जहाँ पहले उनकी भागीदारी नगण्य थी, अब वहाँ भी उनकी उल्लेखनीय भूमिका है। राज्यपाल जी ने सभी विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे मन लगाकर अध्ययन करें और अपने जीवन को जनसेवा के लिए समर्पित करें।

विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गए गाँवों के विद्यालयों के बच्चों की चित्रकला और पर्यावरण विषयक प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि बच्चों की कूची से निकली मासूम रचनाएँ उनके भीतर छिपी अद्भुत प्रतिभा और रचनात्मकता को दर्शाती हैं। ऐसे प्रयास बच्चों में संवेदनशीलता और जागरूकता का संचार करते हैं तथा भविष्य के भारत की उज्ज्वल तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा कि यदि भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो बच्चों को पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के प्रति जागरूक करना आवश्यक है। इस अवसर पर शिक्षकों की भी सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को आकार देने में उनकी भूमिका महत्त्वपूर्ण है। राज्यपाल जी ने जिलाधिकारी और कुलपति को निर्देश दिया कि वर्षभर का एक वार्षिक कैलेंडर तैयार कर विद्यालयों में पर्यावरण, जल संरक्षण, स्वच्छता, दहेज निषेध एवं बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों पर आधारित प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँ, जिससे बच्चों का ज्ञानवर्धन हो और वे विकसित भारत निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकें।

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