अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, निधि समर्पण अभियान के दौरान देश और विदेश के करोड़ों राम भक्तों ने 3000 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया है। वहीं, अब तक लगभग 1500 करोड़ रुपये मंदिर निर्माण कार्य पर खर्च हो चुके हैं। यह दान न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक एकता और आस्था की शक्ति को भी दर्शाता है।

ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर का मुख्य ढांचा पूरी तरह बनकर तैयार हो गया है। इसके साथ ही परकोटे के भीतर भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, सूर्यदेव, देवी भगवती और देवी अन्नपूर्णा के छह मंदिरों का निर्माण भी पूर्ण हो चुका है। सभी मंदिरों पर कलश और ध्वजदंड की स्थापना कर दी गई है। अब 25 नवंबर को आयोजित होने वाले ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया गया है।
भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष ने बताया कि आरंभ में इतनी बड़ी आर्थिक सहायता की उम्मीद नहीं थी, लेकिन राम भक्तों की असीम श्रद्धा ने यह संभव कर दिखाया। उन्होंने कहा कि देश-विदेश के लोगों ने जिस समर्पण भाव से योगदान दिया, वह अद्भुत उदाहरण है। फिलहाल, मंदिर परिसर में शेष निर्माण कार्य जारी है और अनुमान है कि कुल खर्च करीब 1800 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
25 नवंबर को प्रस्तावित इस वृहद आयोजन में लगभग 8 से 10 हजार अतिथियों को आमंत्रित किया जाएगा। इसमें वे सभी राम भक्त शामिल होंगे जिन्होंने वर्ष 2022 के बाद मंदिर निर्माण में दान दिया है। कार्यक्रम में देशभर से संत-महात्मा, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के प्रमुख लोग भी शामिल होंगे।
ट्रस्ट ने बताया कि मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले सभी व्यक्तियों, संस्थाओं और कंपनियों को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए 25 नवंबर के बाद एक विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें सहयोगकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
श्रीराम मंदिर का निर्माण न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बन चुका है। करोड़ों भक्तों की आस्था से निर्मित यह मंदिर आने वाले समय में अयोध्या को वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में नई पहचान दिलाएगा।