मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत इस बार 6.5 लाख सीटें आरक्षित की गई हैं। लाखों अभिभावकों के लिए यह बड़ी राहत की खबर है। आवेदन प्रक्रिया नवंबर के आखिर या दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू होगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने आरटीई पोर्टल को सक्रिय करने और अधिकारियों के लॉगिन-पासवर्ड तैयार कराने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
प्रदेश के 65 हजार से अधिक निजी विद्यालयों की मैपिंग पूरी हो चुकी है। इन विद्यालयों में कक्षा एक और पूर्व-प्राथमिक (नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी) में अलाभित समूह और दुर्बल वर्ग के बच्चों को निःशुल्क प्रवेश मिलेगा। पिछले वर्ष 3.50 लाख ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 1.85 लाख सीटें आवंटित हुईं और 1.41 लाख बच्चों ने प्रवेश लिया था। इस बार विभाग का लक्ष्य सभी आरक्षित सीटों को भरने का है।
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए हैं कि आरटीई प्रवेश में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके लिए प्रत्येक जिले में विवाद समाधान समिति गठित की जा रही है, जिसकी अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) करेंगे। समिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक और खंड शिक्षा अधिकारी शामिल होंगे। अभिभावक ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेंगे, जिसका निस्तारण सात दिन में किया जाएगा।