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योगी राज में बंद हुआ सड़कों पर नमाज पढ़ना, धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर भी हटाए गए

साल 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रचंड बहुमत से चुनाव जीती। योगी आदित्यनाथ के हाथों में देश के सबसे बड़े सूबे की कमान सौंपी गई।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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योगी राज में बंद हुआ सड़कों पर नमाज पढ़ना, धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर भी हटाए गए

सीएम योगी, गुरुवार को लोकभवन में पुलिस विभाग में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अब सड़क पर नमाज या हनुमान चालीसा नहीं होती केवल आवागमन होता है। उन्होंने आगे कहा कि धर्म स्थल से शांतिपूर्ण तरीके से लाउडस्पीकर हट गए। सीएम योगी की इन बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2017 से पहले यूपी में कैसे हालात थे। जिसपर लगाम लगाना कोई आसान काम नहीं था।

साल 2017 से पहले हर पर्व और त्योहार पर डर रहता था कि कहीं कोई अप्रिय घटना न घट जाए। क्योंकि सांप्रदायिक घटनाएं आए दिन होती रहती थीं। योगी राज से पहले सूबे में कई दंगे हो चुके थे। सपा और बसपा की सरकार सांप्रदायिक दंगों और हालातों पर लगाम लगाने में पूरी तरह से फेल हो गई थी। सड़कों पर यातायात बाधितकर नमाज पढ़ी जाती थी।

साल 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रचंड बहुमत से चुनाव जीती। योगी आदित्यनाथ के हाथों में देश के सबसे बड़े सूबे की कमान सौंपी गई। योगी ने कमान संभालते ही सबसे पहले अवैध बूचड़खानों पर ताला लगाने का काम किया। जो सपा और बसपा की सरकार में नहीं हो पाया था। पिछले छह सालों में यूपी दंगा मुक्त प्रदेश बना है। पिछले छह सालों में यूपी भय मुक्त प्रदेश बना है। पिछले छह सालों में यूपी संगठित अपराध से मुक्त हुआ है। ये सब संभव हो पाया है लखनऊ की गद्दी पर योगी आदित्यनाथ के बैठने से।

पहले जहां ईद और बकरीद के मौके पर सड़कों पर नमाज पढ़ी जाती थी। इसपर पूरी तरह से लगाम लगा है। धर्मिक स्थल से लाउडस्पीकर बंद हुए हैं। ये सब भी संभव हो पाया है योगी के सीएम बनने से। पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था से भी कोई घटना सामने नहीं आई है। अभी हाल ही में बकरीद का त्योहार मनाया गया। पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था ऐसी थी कि शांतिपूर्ण तरीके से त्योहार मनाया गया।

योगी सरकार और पुलिस की अपील पर धर्मगुरू आगे आए। उन्होंने सभी आग्रह किया कि कोई भी सड़क पर न तो नमाज पढ़े और न धार्मिक आयोजन करे। इसके साथ चिन्हित स्थानों पर ही कुर्बानी करने के लिए कहा गया था। इसके लिए पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड पर था। डीजीपी खुद कंट्रोल रूम से लगातार मॉनिटरिंग कर रहे थे।

इस साल बकरीद के मौके पर 33340 ईदगाहों और मस्जिदों में नमाद अदा की गई। जहां से कोई भी अप्रिय घटना सामने नहीं आई। इसके लिए पुलिस ने 2213 संवेदनशील स्थलों को चिन्हित किया था। जहां ड्रोन, दूरबीन और सीसीटीवी से नजर रखी गई। बकरीद से पहले भी 2400 से ज्यादा गोष्ठियां की गईं। उपद्रवियों से 238 कंपनी पीएसी, 3 कंपनी एसडीआरएफ, 7 कंपनी सीएपीएफ और 7570 अंडर ट्रेनी उपनिरीक्षकों को राजपत्रित अधिकारियों के नेतृत्व में लगाया गया था। इसके साथ ही बॉडी वॉर्न कैमरा, वाईना कूलर, ड्रोन, हाई रिजोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी गई।

इसके अलावा सूबे में शांति सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था को मेंटेन करने के लिए एक लाख 25 हजार से ज्यादा नागरिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। इसके साथ ही यूपी 112 और राज्य में शांति सुनिश्चित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1.25 लाख से अधिक नागरिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। इसके अलावा, यूपी 112 और एकीकृत पुलिस आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र के लगभग 4,800 पुलिस प्रतिक्रिया वाहन (पीआरवी) को चौबीसों घंटे गश्त करती रहीं। इतनी तैयारियों का ही परिणाम था कि शांतिपूर्ण तरीके से बकरीद मनी। पिछले छह सालों से किसी भी त्योहार पर कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। जिसका जिक्र सीएम योगी ने किया है।

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