1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. UP : योगी सरकार की ऐतिहासिक पहल : प्रदेश में ‘आउटसोर्स सेवा निगम’ के गठन की मंज़ूरी

UP : योगी सरकार की ऐतिहासिक पहल : प्रदेश में ‘आउटसोर्स सेवा निगम’ के गठन की मंज़ूरी

UP : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंजूरी दी है, जो आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन, अधिकार और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देगा।इससे वेतन कटौती, ईपीएफ-ईएसआई में गड़बड़ी जैसी शिकायतों पर रोक लगेगी और पारदर्शिता आएगी।निगम की निगरानी में कर्मचारियों को समय पर वेतन और सभी वैधानिक लाभ सुनिश्चित किए जाएंगे।

By: Desk Team  RNI News Network
Updated:
UP : योगी सरकार की ऐतिहासिक पहल : प्रदेश में ‘आउटसोर्स सेवा निगम’ के गठन की मंज़ूरी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों के हितों की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक और दूरगामी निर्णय लिया है। उन्होंने “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम” के गठन को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य प्रदेश में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के श्रम अधिकार, पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा को सुदृढ़ करना है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि यह निगम पारदर्शिता, जवाबदेही और श्रमिक सम्मान की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

सीएम योगी ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में निगम की कार्यप्रणाली, संरचना और दायरे पर विस्तार से चर्चा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में आउटसोर्सिंग एजेंसियों के विकेन्द्रीकृत चयन के कारण कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलना, वेतन कटौती, ईपीएफ-ईएसआई जैसे लाभों से वंचित रहना और उत्पीड़न जैसी शिकायतें लगातार मिलती रही हैं। इसी पृष्ठभूमि में व्यापक बदलाव अनिवार्य हो गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम का गठन कम्पनी एक्ट के तहत किया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स तथा एक महानिदेशक की नियुक्ति होगी। मंडल और जिला स्तर पर भी समितियों का गठन होगा। एजेंसियों का चयन गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम तीन वर्षों के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में कार्यरत किसी भी कार्मिक की सेवा बाधित न हो और चयन प्रक्रिया में उनके अनुभव का वेटेज दिया जाए।

मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए कि सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन प्रत्येक माह की 5 तारीख तक उनके बैंक खातों में सीधे भेजा जाए। इसके अलावा ईपीएफ और ईएसआई की राशि समय पर जमा हो, और इनसे जुड़े सभी लाभ कार्मिकों को पारदर्शी ढंग से प्रदान किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम को एक रेगुलेटरी बॉडी की भूमिका में रखा जाएगा, जो एजेंसियों के कामकाज की निगरानी करेगी और नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी, जिसमें ब्लैकलिस्टिंग, पेनाल्टी या डिबारमेंट जैसी कार्यवाहियां शामिल होंगी।

प्रस्तावित निगम में भर्ती प्रक्रिया के दौरान एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, महिलाओं, दिव्यांगजनों और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण के सभी प्रावधानों का पालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने तलाकशुदा, परित्यक्त और निराश्रित महिलाओं को भी प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं, ताकि सामाजिक न्याय के उद्देश्यों को मजबूती मिल सके।

सीएम योगी ने यह भी कहा कि किसी नियमित पद के स्थान पर आउटसोर्सिंग सेवा नहीं ली जाएगी। इसके अलावा, चयन के बाद कोई भी कर्मचारी तब तक सेवा से मुक्त नहीं होगा जब तक सक्षम अधिकारी की संस्तुति प्राप्त न हो।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी की गरिमा, सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम न केवल आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की जिंदगी में स्थायित्व और भरोसा लाएगा, बल्कि प्रदेश की प्रशासनिक प्रणाली में भी पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाएगा। यह फैसला उत्तर प्रदेश में लाखों श्रमिकों के लिए सामाजिक न्याय और आर्थिक सुरक्षा का नया अध्याय साबित होगा।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें गूगल न्यूज़, फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...