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हापुड़ लाठीचार्ज प्रकरण: SIT की जांच शुरू, 18 नामजद व 600 अज्ञात वकीलों पर FIR दर्ज

29 अगस्त को जनपद हापुड़ में पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच हुए टकराव के बाद पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करते हुए सख्त एक्शन लिया गया था। जिसके विरोध में वकीलों द्वारा प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस पूरे प्रकरण में हापुड़ पुलिस द्वारा अब तक तीन एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। जिसमे अलग-अलग घटनाओं को लेकर यह मामले दर्ज किए गए हैं। और अलग-अलग F I R में कुल 18 अधिवक्ताओं को नामजद करते हुए करीब 600 अज्ञात अधिवक्ताओं के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।

By: Desk Team  RNI News Network
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हापुड़ लाठीचार्ज प्रकरण: SIT की जांच शुरू, 18 नामजद व 600 अज्ञात वकीलों पर FIR दर्ज

हापुड़ः 29 अगस्त को जनपद हापुड़ में पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच हुए टकराव के बाद पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करते हुए सख्त एक्शन लिया गया था। जिसके विरोध में वकीलों द्वारा प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस पूरे प्रकरण में हापुड़ पुलिस द्वारा अब तक तीन एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। जिसमे अलग-अलग घटनाओं को लेकर यह मामले दर्ज किए गए हैं। और अलग-अलग F. I. R. में कुल 18 अधिवक्ताओं को नामजद करते हुए करीब 600 अज्ञात अधिवक्ताओं के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी सरकार या प्रशासन द्वारा इतनी बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं पर केस दर्ज हुआ है।

इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एक SIT टीम का गठन किया गया। जिसमें कमिश्नर मेरठ, आईजी मेरठ जोन और डीआईजी मुरादाबाद शामिल हैं। इस SIT जांच टीम ने आज हापुड़ में अपनी जांच के प्रथम चरण में अधिवक्ताओं और अधिकारियों से मीटिंग की। तीन सदस्य SIT टीम इस घटनाक्रम में घटित प्रत्येक पहलू की जांच और उनसे संबंधित साक्ष्य को जुटाने का काम करेगी। हापुड़ के मेरठ रोड स्थित सरकारी गेस्ट हाउस में टीम पहुंची। जहां उन्होंने पहले अधिकारियों के साथ मीटिंग की तो वहीं अब अधिवक्ताओं की ओर से 11 सदस्यों की टीम SIT के सामने अपना पक्ष रखने के लिए पहुंची है।

SIT के सामने अपनी बात रखने पहुंचे अधिवक्ताओं की 11 सदस्यीय टीम की अगुवाई हापुड बार अध्यक्ष ने की। 2 घंटे की बातचीत के बाद बार अध्यक्ष ने मीडिया के सामने जानकारी देते हुए बताया कि बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश और संघर्ष समिति द्वारा इस जांच कमेटी में न्यायिक अधिकारी और बार काउंसिल के लोग शामिल करने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है। उनका कहना है कि जब तक इस जांच कमेटी में बदलाव नहीं किए जाएंगे तब तक हम प्रकरण से संबंधित अपना पक्ष और सबूत इस तीन सदस्य जांच कमेटी को नहीं देंगे। आने वाली 3 सितंबर को बार काउंसिल द्वारा मीटिंग की जाएगी। जिसके द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसलिए फिलहाल हम इस कमेटी का विरोध कर रहे हैं। जो भी दिशा निर्देश बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश द्वारा जारी किए जाएंगे। उसी के अनुरूप आगे की कार्यवाही की जाएगी। जांच कमेटी द्वारा अधिवक्ताओं को निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया है।

हापुड़ से संवाददाता सोनू कुमार की रिपोर्ट

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