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U.P News- उत्तर प्रदेश में बिजली आपूर्ति बनी अनुकरणीय मिसाल: भीषण गर्मी में भी निर्बाध सप्लाई

U.P News- अप्रैल और मई 2025 की भीषण गर्मी के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली आपूर्ति में अनुकरणीय प्रबंधन दिखाया। ग्रामीण इलाकों से लेकर जिला मुख्यालयों तक तय शेड्यूल से अधिक बिजली दी गई। लू और रिकॉर्डतोड़ तापमान के बावजूद निर्बाध विद्युत आपूर्ति से जनता को राहत मिली। यह ऊर्जा प्रबंधन का एक सफल मॉडल बनकर सामने आया।

By: Desk Team  RNI News Network
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U.P News- उत्तर प्रदेश में बिजली आपूर्ति बनी अनुकरणीय मिसाल: भीषण गर्मी में भी निर्बाध सप्लाई

अप्रैल और मई 2025 में जब उत्तर प्रदेश भीषण गर्मी और लू की चपेट में था, तब राज्य सरकार ने बिजली आपूर्ति को लेकर जो मिसाल पेश की, वह न केवल प्रशंसनीय है बल्कि अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय भी है। तापमान के रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर पहुंचने और देश के कई हिस्सों में बिजली कटौती की खबरों के बीच योगी सरकार ने सुनिश्चित किया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर जिला मुख्यालयों तक बिजली आपूर्ति न सिर्फ शेड्यूल के अनुरूप रही, बल्कि निर्धारित समय से अधिक भी दी गई।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अप्रैल 2025 में पूर्वी यूपी के कई जिलों में तापमान 40-45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, जो सामान्य से 3-5 डिग्री अधिक था। मई में हालात और खराब हुए, जब बांदा में तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया—जो देश का उस दिन का सर्वाधिक तापमान था। प्रयागराज, झांसी, वाराणसी और कानपुर जैसे शहर लगातार लू की चपेट में रहे। IMD ने दक्षिणी जिलों के लिए विशेष चेतावनी भी जारी की थी। लेकिन इस चुनौतीपूर्ण समय में भी प्रदेश सरकार ने ऊर्जा आपूर्ति बनाए रखकर एक बड़ा राहत कार्य किया।

ऊर्जा विभाग की सजगता और समर्पण

वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले दो महीनों में, पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल, दक्षिणांचल डिस्कॉम और केस्को के आंकड़े बताते हैं कि सरकार ने बिजली वितरण के लिए पुख्ता योजना और तैयारी की थी। ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 18.18 घंटे बिजली आपूर्ति हुई, जबकि निर्धारित समय 18 घंटे था। तहसील मुख्यालयों में 21.32 घंटे और जिला मुख्यालयों में औसतन 23.45 घंटे बिजली आपूर्ति दी गई, जो 24 घंटे के लक्ष्य के काफी करीब है।

डिस्कॉम-वार आंकड़े

  • पूर्वांचल: ग्रामीण – 18.20 घंटे, तहसील – 21.31 घंटे, जिला – 23.49 घंटे

  • मध्यांचल: ग्रामीण – 18.13 घंटे, तहसील – 21.38 घंटे, जिला – 23.51 घंटे

  • दक्षिणांचल: ग्रामीण – 18.50 घंटे, तहसील – 21.28 घंटे, जिला – 23.52 घंटे

  • पश्चिमांचल: ग्रामीण – 17.51 घंटे, तहसील – 21.32 घंटे, जिला – 23.26 घंटे

  • केस्को (कानपुर): जिला मुख्यालय – 23.26 घंटे

सफलता के पीछे प्रशासनिक कुशलता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ऊर्जा विभाग के अधिकारी लगातार फील्ड में सक्रिय रहे। सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को निगरानी बढ़ाने, मरम्मत कार्यों को समय पर पूरा करने और ट्रांसफॉर्मरों की स्थिति पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए थे। इससे तकनीकी समस्याएं न्यूनतम रहीं और उपभोक्ताओं को स्थिर विद्युत आपूर्ति मिलती रही।

किसानों और आम जनता को राहत

इस सुचारु बिजली आपूर्ति का सीधा लाभ किसानों और आम नागरिकों को मिला। गर्मी के इस कठिन मौसम में भी कृषि कार्य प्रभावित नहीं हुए और घरेलू बिजली आपूर्ति भी निर्बाध रही। ट्रिपिंग और फॉल्ट की शिकायतों में भारी कमी आई, जिससे प्रदेशवासियों को राहत मिली।

निष्कर्ष

जब अन्य राज्य लू और बिजली संकट से जूझ रहे थे, तब उत्तर प्रदेश ने यह साबित कर दिया कि राजनीतिक इच्छाशक्ति, तकनीकी दक्षता और समयबद्ध प्रशासनिक व्यवस्था के माध्यम से हर आपदा को अवसर में बदला जा सकता है। योगी सरकार की यह पहल ऊर्जा प्रबंधन का आदर्श उदाहरण बनकर उभरी है।

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