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गो-आश्रय स्थल में भी बेसहारा गोवंश, अभियान चलाए जाने के बाद भी नहीं सुधरे हालात

बेसहारा गोवंश को सुरक्षित करने के लिए विशेष रूप से प्रदेश सरकार ने निर्देशित भी किया पशुपालन विभाग के साथ नगर निगम व नगर पालिका प्रशासन ने दिखावे के लिए हर माह अभियान चलाया और गिनती के गोवंश को आश्रय स्थल तक पहुंचाया जाए

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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गो-आश्रय स्थल में भी बेसहारा गोवंश, अभियान चलाए जाने के बाद भी नहीं सुधरे हालात

मेरठ में बेसहारा गोवंश को सुरक्षित करने के साथ चारे पानी की व्यवस्था के तमाम दावे भी किए गए। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत पालकों को गोवंश की देखभाल के लिए दिए जाने के लिए अभियान भी चलाया गया लेकिन तमाम प्रयासों का सार्थक परिणाम सामने नहीं आ सका है। जनपद में चालू वित्त वर्ष में सहभागिता योजना के तहत 1,560 गोवंश को पालन के लिए दिया गया। हर महीने पालक को 900 रूपए की धनराशि भी प्रदान की गई, लेकिन समय से धनराशि न मिलने से पालकों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत गोवंश को किसानों के पालन के लिए दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया पशुपालन विभाग के अनुसार करीब 80% लक्ष्य की प्राप्ति भी कर ली गई। जागरूकता की कमी के और पशुपालन विभाग की लापरवाही के कारण अच्छी प्रजाति के दुधारू गोवंश बड़ी संख्या में अभी भी गोआश्राय स्थलों में है। योजना के आगे न बढ़ने का सबसे बड़ा कारण समय से बजट ना मिलना सामने आया। साथ ही तमाम गोवंश पालक ऐसे भी सामने आए जिनके बैंक खाते में गोवंश के पालन के लिए हर महीने मिलने वाले 900 रूपए पहुंच ही नहीं रहे हैं। इसकी शिकायत पशुपालन विभाग के अधिकारियों से भी की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

बेसहारा गोवंश को सुरक्षित करने के लिए विशेष रूप से प्रदेश सरकार ने निर्देशित भी किया पशुपालन विभाग के साथ नगर निगम व नगर पालिका प्रशासन ने दिखावे के लिए हर माह अभियान चलाया और गिनती के गोवंश को आश्रय स्थल तक पहुंचाया जाए। अभियान चलाए जाने के बाद भी 25 सौ से अधिक गोवंश बेसहारा हालत में शहर की सड़कों के साथ खेतों में फसलों को हानि पहुंचाते नजर आ रहे हैं। गौआश्रय स्थल में संरक्षित किए गए गोवंश की नियमित जांच व उपचार के लिए पशुपालन विभाग के चिकित्सकों को क्षेत्रवार जिम्मेदारी भी दी गई लेकिन लापरवाही के कारण आए दिन गोवंश की आश्रय स्थल में मौत हो रही है इसके अलावा गंदगी और देखरेख के अभाव में अधिकांश व्यवस्था व गौशालाएं बेहाल हैं।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी हरपाल सिंह ने बताया कि लगातार नगर निगम की ओर से गोवंश को संरक्षित करने का अभियान चलाया जा रहा है और पालकों को भी नियमित जो भत्ता बनता है वह दिया जा रहा है।

मेरठ से संवाददाता मनीष पारासर की रिपोर्ट।

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