उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। बीएसपी विधायक उमाशंकर सिंह के पिता एवं पूर्व सैनिक घुरहू सिंह पर की गई टिप्पणी से जुड़ा है। मंत्री दयाशंकर सिंह ने खुद को स्वर्गीय मैनेजर सिंह का भांजा बताते हुए टिप्पणी की थी, जिस पर सैनिक परिवार व स्थानीय जनता की भावनाएं आहत हुईं।
जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचे स्वर्गीय मैनेजर सिंह के पौत्र शैलेंद्र प्रताप सिंह उर्फ पमपम ने इस बयान पर कड़ी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्व पर एक सैनिक के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि परिवहन मंत्री ने स्व. मैनेजर सिंह का नाम राजनीतिक लाभ के लिए प्रयोग किया और बार-बार उनके नाम का सहारा लेकर बयानबाज़ी की।
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा सैनिकों का सम्मान करते हैं और उनके लिए सिर झुकाए खड़े रहते हैं। ऐसे में मंत्री द्वारा सैनिक के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करना सैनिकों के सम्मान को ठेस पहुँचाने जैसा है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बलिया की जनता ने ऐसे शब्द सुनने के लिए मंत्री को वोट दिया था?
उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रीजी सिर्फ मैनेजर सिंह के नाम का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि उनके नाम पर विद्यालय में एक ईंट तक उन्होंने नहीं जोड़ी। विद्यालय का विकास बाहरी लोगों के योगदान से हुआ है। मंत्री होने के बावजूद उन्होंने न तो विद्यालय को आगे बढ़ाया और न ही सैनिक परिवार के सम्मान का ख्याल रखा।