गोरखपुर: चराचर जगत पर कृपा बरसाने वाले देवाधिदेव महादेव को समर्पित पावन सावन माह की शुरुआत गोरखनाथ मंदिर में आध्यात्मिक उल्लास और वैदिक परंपराओं के बीच हुई। इस अवसर पर शुक्रवार प्रातः मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने भगवान शिव का रुद्राभिषेक व हवन कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सावन के पहले दिन प्रातःकाल गोरखनाथ मंदिर के अपने आवास के प्रथम तल पर स्थित शक्तिपीठ पहुंचे, जहाँ परंपरागत रूप से विशेष पूजन-अनुष्ठान की शुरुआत की गई। उन्होंने भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, दुर्वा, मदार पत्र, कमल पुष्प, धतूरा, आक के पुष्प समेत विविध पूजन सामग्रियों के साथ जल, दूध, दही, शहद, घृत और ऋतुफल के रस से रुद्राभिषेक किया। यह अनुष्ठान अत्यंत श्रद्धा और विधिपूर्वक सम्पन्न हुआ।
रुद्राभिषेक अनुष्ठान का संचालन मठ के विद्वान आचार्यगण एवं पुरोहितों द्वारा वैदिक विधि से किया गया। शुक्ल यजुर्वेद संहिता में वर्णित रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों के उच्चारण से मंदिर परिसर में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। मंत्रोच्चारण और श्रद्धा से ओतप्रोत वातावरण में रुद्राभिषेक की प्रत्येक विधि का पालन किया गया।
रुद्राभिषेक के अनंतर मुख्यमंत्री ने पूर्ण विधि विधान से हवन किया। वैदिक मंत्रों के बीच अग्निहोत्र द्वारा देवताओं को आहुतियां समर्पित की गईं। हवन के माध्यम से वातावरण को शुद्ध करते हुए उन्होंने प्रदेशवासियों के आरोग्य, सुख, समृद्धि और शांति की मंगलकामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सावन का पावन महीना भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय है। यह महीना प्रकृति, अध्यात्म और मानव कल्याण के बीच सामंजस्य का प्रतीक है। शिव उपासना न केवल आत्मिक शुद्धि का माध्यम है, बल्कि समस्त सृष्टि के कल्याण की भावना को भी जागृत करती है।
गोरखनाथ मंदिर का यह शक्तिपीठ परंपरागत रूप से न केवल गोरक्षपीठाधीश्वर की पूजा स्थली है, बल्कि यहां होने वाले प्रत्येक अनुष्ठान का उद्देश्य जनकल्याण और विश्व शांति रहता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो स्वयं सनातन परंपरा के प्रतिष्ठित संत भी हैं, हर सावन की तरह इस वर्ष भी विशेष पूजन अनुष्ठानों की शुरुआत के साथ जनकल्याण की भावना को प्रमुखता दे रहे हैं।