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प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का आरोप, 10 हजार रुपए लिया जाता है सुविधा शुल्क!

विकास खंड हरगांव के ग्राम पंचायत सिकंदरपुर में केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। आरोप है कि पीएम आवास योजना का पैसा पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान मिलकर डकार गए। जबकि लाभार्थी आज भी उसी टूटी-फूटी झोपड़ी में रहने को मजबूर है। वहीं जिलाधिकारी से शिकायत के बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हुई।

By: Desk Team  RNI News Network
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प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का आरोप, 10 हजार रुपए लिया जाता है सुविधा शुल्क!

सीतापुरः केंद्र सरकार गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही है। वहीं गांव के गरीब लोगों तक इन योजनाओं का पूरा पैसा कैसे पहुंचे, इसके लिए भी व्यवस्था की गई है। लेकिन भ्रष्टाचारी कहीं न कहीं से उसका तोड़ निकाल रहे हैं। ताजा मामला सीतापुर के विकास खंड हरगांव का है। जहां ग्राम पंचायत सिकंदरपुर में केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार का मामला सामने आ रहा है। आरोप है कि पीएम आवास योजना का पैसा पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान मिलकर डकार गए। जबकि लाभार्थी आज भी उसी टूटी-फूटी झोपड़ी में रहने को मजबूर है।

वहीं पीड़ित ने जिलाधिकारी को लिखित सूचना दी लेकिन इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। आरोप है कि ग्राम पंचायत सिकंदरपुर के प्रधान वीरपाल सिंह और पंचायत सचिव गनेश प्रसाद दस हजार रुपए सुविधा शुल्क लेने के बाद ही पीएम आवास योजना का लाभ दिला रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास लिस्ट में नाम शामिल होने के बाद जो गरीब सुविधा शुल्क नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि हरगांव विकास खंड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सिकंदरपुर में रहने वाले पात्र उदयराज को प्रधानमंत्री आवास तो स्वीकृत है लेकिन वो आवास आज तक नहीं बन पाया है। इसलिए वो आज भी टूटी-फूटी झोपड़ी में रह रहे हैं। पीड़ित उदयराज ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव की मिलीभगत से ही उनका आज तक आवास नहीं बन सका। आरोप है कि सीतापुर जिले की सभी ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इस योजना में पात्र लोगों के बजाय अपात्र लोगों को मोटी रकम लेकर आवास दिए जा रहे हैं। जिसमें जिले से लेकर ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारी शामिल हैं।

सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को मिलने के बजाय अपात्र लोगों को दिया जा रहा है। जिससे पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान मोटा कमीशन कमा रहे हैं। आलम यह है कि जिले के उच्चाधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। ऐसे में गरीब व्यक्ति तक इन योजनाओं का लाभ कैसे मिलेगा। ये सबसे बड़ा सवाल है।

सीतापुर से संवाददाता अजय सिंह की रिपोर्ट

 

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