उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के व्यवहार और पढ़ाई की आदतों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक व्यावहारिक कदम उठाया है। राज्य सरकार ने निर्देश जारी कर कहा है कि सरकारी स्कूलों में छात्रों को न्यूज़पेपर पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, ताकि बच्चों में बढ़ती मोबाइल फोन की निर्भरता और स्क्रीन टाइम को कम किया जा सके।
शिक्षा विभाग का मानना है कि छोटी उम्र में मोबाइल और सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग बच्चों की एकाग्रता, भाषा कौशल और सोचने-समझने की क्षमता पर असर डाल रहा है। ऐसे में अख़बार पढ़ने की आदत बच्चों को स्क्रीन से दूर रखने के साथ-साथ उन्हें सार्थक और ज्ञानवर्धक गतिविधि से जोड़ने में मदद करेगी।
सरकारी निर्देशों के अनुसार, स्कूलों में शिक्षक बच्चों को अख़बार की प्रमुख खबरें पढ़ने और समझने में मदद करेंगे। कक्षा में राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय खबरों पर बातचीत कराई जाएगी, ताकि छात्र केवल पढ़ें ही नहीं, बल्कि समाचारों का अर्थ और महत्व भी समझ सकें। इससे बच्चों की रीडिंग स्किल, सामान्य ज्ञान और अभिव्यक्ति क्षमता बेहतर होगी।
अख़बार पढ़ने से बच्चों की हिंदी भाषा पर पकड़ मजबूत होगी, शब्दावली बढ़ेगी और वे समसामयिक विषयों से परिचित होंगे। शिक्षकों का कहना है कि इससे बच्चों में सवाल पूछने और अपनी राय रखने की आदत भी विकसित होगी, जो पढ़ाई के साथ-साथ जीवन कौशल के लिए भी जरूरी है।
इस फैसले को लेकर कई शिक्षकों और अभिभावकों ने इसे सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है। उनका कहना है कि अगर बच्चों की दिनचर्या में अख़बार पढ़ना शामिल किया जाए, तो वे धीरे-धीरे मोबाइल से दूरी बनाएंगे और पढ़ने-लिखने में रुचि बढ़ेगी।
योगी सरकार की यह पहल किसी बड़े बदलाव के दावे से ज्यादा एक ज़मीनी और व्यवहारिक प्रयास मानी जा रही है, जिसका उद्देश्य बच्चों को डिजिटल लत से बचाकर पढ़ाई, ज्ञान और जागरूकता की ओर वापस लाना है।

