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योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई; तालाब घोटाले में तीन अधिकारियों पर गिरी गाज, रिकवरी की तैयारी

जिलाधिकारी जालौन चांदनी सिंह ने कहा कि सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत हर योजना के क्रियांवन की जांच निरंतर की जाती रही है।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई; तालाब घोटाले में तीन अधिकारियों पर गिरी गाज, रिकवरी की तैयारी

यूपी की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करने से कोई संकोच नहीं कर रही है। सीएम योगी ने अधिकारियों से साफ-साफ कह दिया है कि कोई भी लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। इसके बाद भी अधिकारी हैं कि सरकार के निर्देश को हल्के में ले लेेते हैं, जिसका खामियाजा उनको भुगतना पड़ता है। जालौन में हुए एक तालाब घोटाले में सरकार ने ऐक्शन लिया है। सरकार के इस ऐक्शन में तीन अधिकारियों पर गाज गिरी है। इसके साथ ही रिकवरी की भी तैयारी की जा रही है। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?

यूपी के जालौन जिले से खेत तालाब योजना के अंतर्गत अधिकारियों का बड़ा घोटाला सामने आया है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मामले का संज्ञान लेते हुए बड़ा ऐक्शन लिया है। मामले में आरोपी तीन अधिकारियों को लखनऊ मुख्यालय से अटैच कर दिया है। इसके साथ ही 22 कर्मचारियों के ट्रांसफर किए गए हैं। आपको बता दें कि अधिकारियों ने 1595 तालाबों की खुदाई किए बिना ही 13 करोड़ रुपए की धनराशि का बंदरबांट कर लिया। मामला सामने आने के बाद सरकार ने ऐक्शन ले लिया है।

आपको बता दें कि योगी सरकार ने भूमि संरक्षण विभाग को साल 2017 से 2023 के अंतराल में खेल तालाब योजना के तहत तालाबों की खुदाई करने की जिम्मेदारी दी गई थी। जिसमें भूमि संरक्षण अधिकारी परितोष मिश्रा, भूमि संरक्षण विभाग द्वितीय के प्रभारी भीमसेन, भूमि संरक्षण विभाग तीन और एक अतिरिक्त इकाई के प्रभारी शहाबुद्दीन को जिम्मेदारी दी गई कि तालाबों की खुदाई कराएं।

इन अधिकारियों की देखरेख में 2883 तालाबों की खुदाई की गई। जिसके लिए 60 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई। जिलाधिकारी जालौन चांदनी सिंह ने जब विभाग के कामों का सत्यापन कराया तो जो जानकारी सामने आई, उससे सब दंग रह गए। क्योंकि 1595 तालाबों की खुदाई ही नहीं की गई और धनराशि निकाल लिया गया था। इसकी जानकारी कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को हुई। उन्होंने तत्काल बड़ा ऐक्शन लिया और विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई हुई।

कृषि मंत्री के निर्देश पर भूमि संरक्षण अधिकारी परितोष मिश्रा, शहाबउद्दीन, भीमसेन को हटाकर कृषि मुख्यालय लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया। इसके साथ ही विभागीय जांच के बाद उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर रिकवरी की तैयारी हो रही है। इसके साथ ही 20 कर्मचारियों को दो अवर अभियंताओं का ट्रांसफर किया गया। जिसकी जानकारी जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने दी।

जिलाधिकारी जालौन चांदनी सिंह ने कहा कि सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत हर योजना के क्रियांवन की जांच निरंतर की जाती रही है। इसी में भूमि संरक्षण विभाग की महत्वपूर्ण योजना है खेत तालाब योजना। उन्होंने कहा कि इसके कार्यों में हमने जांच कराई 2016 से 2022 के बीच में। उन्होंने बताया कि जिले में इस विभाग की चार ईकाइयां हैं। इस योजना के तहत अनियमितताएं पाईं गईं हैं।

उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय अधिकारियों ने इसकी जांच की तो पता चला कि 1536 ऐसे तालाब हैं, जिनकी खुदाई नहीं हुई है या गलत खुदाई हुई है याफिर अधुरी खुदाई हुई है। उन्होंने बताया कि गलत रूप से सब्सिडी ट्रांसफर किया गया है। कुल धनराशि 12 करोड़ 54 लाख की है जिसकी अनियमितता पाई गई है। उन्होंने बताया कि इसमें तत्काल कार्रवाई करते हुए शासन को भेजा गया है संबंधित अधिकारियों के खिलाफ। उन्होंने जानकारी दी कि इसमें आरोप पत्र जारी किया जा रहा है। जो भी संबंधित अधिकारी हैं उनका उत्तरदायित्व तय़ करते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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