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Varanasi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया बाबा विश्वनाथ और संकट मोचन मंदिर का दर्शन-पूजन

Varanasi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बाबा विश्वनाथ और संकट मोचन मंदिर का दर्शन-पूजन तथा मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उनकी सक्रिय भागीदारी उत्तर भारत के इस धार्मिक नगरी के विकास और क्षेत्रीय समन्वय के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इस यात्रा से यह स्पष्ट होता है कि धार्मिक आस्था और प्रशासनिक कामकाज एक साथ चलते हुए समाज के लिए बेहतर परिणाम ला सकते हैं।

By: Desk Team  RNI News Network
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Varanasi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया बाबा विश्वनाथ और संकट मोचन मंदिर का दर्शन-पूजन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर मंगलवार को काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे और गर्भगृह में षोडशोपचार पूजा अर्चना की। उन्होंने भगवान विश्वनाथ के दर्शन कर प्रदेश-जन की समृद्धि और लोक कल्याण की कामना की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने संकट मोचन हनुमान मंदिर में भी जाकर विधि विधान से पूजा की और हनुमान जी के चरणों में हाजिरी लगाई।

मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, अनिल राजभर, राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, अवधेश सिंह, स्वामी संतोष दास तथा संकट मोचन मंदिर के महंत विशंभर नाथ मिश्र भी मौजूद थे। योगी आदित्यनाथ के इस धार्मिक अनुष्ठान का मकसद न केवल आध्यात्मिक शांति प्राप्त करना था बल्कि 24 जून को होने वाली मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की सफलता के लिए सकारात्मक ऊर्जा जुटाना भी था।

मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक इस बार होटल ताज में आयोजित की गई है। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। इसके अलावा इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी हिस्सा लेंगे। यह बैठक क्षेत्रीय राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह वाराणसी दौरा काशी के धार्मिक महत्व और प्रशासनिक बैठकों दोनों का संगम साबित हो रहा है। इससे पहले 16 जून को भी मुख्यमंत्री काशी आए थे, जहां उन्होंने गोरक्षपीठाधीश्वर के साथ बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए थे और मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की तैयारियों का निरीक्षण किया था। उस दिन भी उन्होंने बाबा विश्वनाथ के चरणों में हाजिरी लगाई थी, जिससे उनकी धार्मिक आस्था और काशी के प्रति प्रेम झलकता है।

योगी आदित्यनाथ की यह धार्मिक परंपरा और प्रशासनिक सक्रियता इस बात का प्रतीक है कि वे अपने आध्यात्मिक और जनसेवा के दोनों पहलुओं को समान महत्व देते हैं। उनका यह प्रयास है कि धार्मिक स्थलों का विकास हो और साथ ही प्रशासनिक बैठकों के माध्यम से क्षेत्रीय विकास और जनता की भलाई के लिए ठोस योजनाएं बनाई जाएं।

वाराणसी के लिए मुख्यमंत्री का यह दौरा कई मायनों में विशेष है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मुख्यमंत्री के इस दौरे ने स्थानीय प्रशासन और जनता में भी उत्साह और उम्मीदों को जागृत किया है।

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