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Mathura : मथुरा में यमुना का जलस्तर बढ़ा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज़ करने के दिए निर्देश

Matura : मथुरा में यमुना का जलस्तर 165.56 मीटर तक बढ़ गया है, जो चेतावनी स्तर से ऊपर है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने छाता के बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया और राहत व बचाव कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए।मंत्री ने 24x7 कंट्रोल रूम संचालन, राहत शिविरों में स्वास्थ्य टीम की व्यवस्था, पशुओं की देखभाल और प्रभावित नागरिकों तक समय पर मदद पहुँचाने पर जोर दिया।

By: Desk Team  RNI News Network
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Mathura : मथुरा में यमुना का जलस्तर बढ़ा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज़ करने के दिए निर्देश

मथुरा में यमुना नदी का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बुधवार को यमुना का जलस्तर 165.56 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो चेतावनी बिंदु 165.20 मीटर से ऊपर है। यमुना के किनारे बसे इलाकों में लोगों की धड़कन बढ़ गई है और कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

छाता विधानसभा क्षेत्र के किसानों और जनता की समस्याएं सुनने के लिए कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने अपने निजी निवास पर लोगों से मुलाकात की। मंत्री ने ग्राम सियारा, चंदौरी और बाहटा खादर जैसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को तुरंत राहत कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए। क्षेत्र में पिछले लगभग 10 दिनों से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं, जिससे सैकड़ों बीघा फसलें डूब गई हैं और पशुओं के लिए चारा भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि बाढ़ के समय राहत और बचाव के लिए बेहतर समन्वय और त्वरित कार्रवाई आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कंट्रोल रूम 24×7 सक्रिय रहें और हर नागरिक को हर संभव मदद सुनिश्चित की जाए। लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

साथ ही मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देश दिए कि राहत शिविरों में स्वास्थ्य टीम गठित की जाए ताकि बाढ़ के बीच बढ़ती बीमारियों पर नियंत्रण रखा जा सके। मंत्री ने यह भी कहा कि पशुओं का ध्यान रखना भी उतना ही आवश्यक है, ताकि उनकी देखभाल और चारे की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने सभी अधिकारियों से कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य में कोई देरी या लापरवाही न हो और प्रत्येक नागरिक को समय पर मदद पहुँचाने के लिए सभी संसाधनों का उचित उपयोग किया जाए। इस पहल से यह संदेश गया कि सरकार बाढ़ प्रभावित जनता की सुरक्षा और कल्याण को प्राथमिकता देती है।

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