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Lucknow: “नारी शक्ति केवल प्रेरणा नहीं, बल्कि बल, उत्साह और विजय का प्रतीक है”- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर का नौवां दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ।

By: Desk Team  RNI News Network
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Lucknow: “नारी शक्ति केवल प्रेरणा नहीं, बल्कि बल, उत्साह और विजय का प्रतीक है”- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर का नौवां दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ।

इस अवसर पर राज्यपाल ने सभी अंकपत्रों एवं उपाधियों को डिजिलॉकर में समाहित किया, जिससे विद्यार्थियों को उनकी शैक्षणिक उपाधियों की डिजिटल और आसान पहुँच सुनिश्चित हो सके।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्हें बुद्ध की इस पावन धरती सिद्धार्थनगर में आकर गर्व की अनुभूति हो रही है। यह वही भूमि है जहाँ भगवान गौतम बुद्ध ने विश्व को शांति, करुणा और मानवता का संदेश दिया। उन्होंने इस पावन भूमि को नमन करते हुए कहा कि यह क्षेत्र आज भी देश-विदेश के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

राज्यपाल ने पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर अपने माता-पिता, विश्वविद्यालय और समाज का नाम रोशन करें। शिक्षित युवा समाज में परिवर्तन के अग्रदूत बन सकते हैं, और जब वे अनुशासन, परिश्रम और संस्कारों के साथ कार्य करते हैं, तो राष्ट्र को नई दिशा मिलती है।

महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण रहा कार्यक्रम

राज्यपाल ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि अधिकतर पदक छात्राओं ने प्राप्त किए हैं, जो महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि “आज की बेटियाँ केवल कंधे से कंधा मिलाकर नहीं, बल्कि अनेक अवसरों पर एक कदम आगे बढ़कर अपनी प्रतिभा का प्रकाश फैला रही हैं।”

भारतीय महिला क्रिकेट टीम द्वारा हाल ही में विश्वकप-2025 जीतकर तिरंगा ऊँचा फहराने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि “नारी शक्ति केवल प्रेरणा नहीं, बल्कि बल, उत्साह और विजय का प्रतीक है।”

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिवार को दी बधाई 

राज्यपाल ने सिद्धार्थ विश्वविद्यालय द्वारा क्यू.एस.आई.गेज की गोल्ड रैंकिंग प्राप्त करने पर कुलपति, प्राध्यापकों, छात्र-छात्राओं और समस्त विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी और कहा कि यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की गुणवत्ता, नवाचार और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि अब बड़ी संख्या में विदेशी छात्र-छात्राएँ भी सिद्धार्थ विश्वविद्यालय की शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बन रहे हैं, जो इसकी बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा का प्रमाण है।

राज्यपाल ने कहा कि “विश्वविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि समाज निर्माण का संस्थान होना चाहिए।” उन्होंने विश्वविद्यालय को अपने परिक्षेत्र के ग्रामों से नियमित संपर्क स्थापित करने, ग्रामीणों की आवश्यकताओं को समझने और उनके समाधान में सहभागिता करने का निर्देश दिया।

राज्यपाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र ही भारत की आत्मा हैं और यदि हम वहां के युवाओं को सक्षम बना सकें तो राष्ट्र स्वतः सशक्त हो जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प और बागवानी जैसे क्षेत्रों में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं जिन्हें विश्वविद्यालयों के मार्गदर्शन से विकसित किया जा सकता है।

विद्यार्थियों से जागरूकता की अपील

राज्यपाल ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाएँ तथा समय-समय पर गाँवों का भ्रमण कर लोगों को मूलभूत स्वास्थ्य और स्वच्छता के विषय में जागरूक करें।उन्होंने कहा कि “हर लगाया गया पौधा केवल पर्यावरण की रक्षा नहीं करता, बल्कि जीवन के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक होता है।” उन्होंने विश्वविद्यालय से अपेक्षा की कि परिसर और आसपास के क्षेत्रों में नियमित वृक्षारोपण अभियान चलाए जाएँ।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे सपने देखें और उन्हें कर्म में परिवर्तित करें। उन्होंने कहा कि “21वीं सदी परिवर्तन की सदी है और विकसित भारत का युवा स्वर्णिम युग में जी रहा है।”

आज भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और अंतरिक्ष, रक्षा, कृषि एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त कर रहा है।उन्होंने कहा कि “भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के पथ पर अग्रसर है। प्रत्येक नागरिक, विशेष रूप से युवा वर्ग, का कर्तव्य है कि वे विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय योगदान दें।”

स्वस्थ नारी, सशक्त नारी

राज्यपाल ने कहा कि “स्वस्थ नारी, सशक्त नारी” का भाव आज के भारत का परिचायक है। बेटियों का स्वास्थ्य सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक विश्वविद्यालय अपने परिक्षेत्र की सभी बालिकाओं के एचपीवी टीकाकरण पर बल दे।

इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के प्रयोगार्थ आईसीयू एम्बुलेंस का शुभारंभ किया तथा दीक्षांत पत्रिका एवं विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा, अनुसंधान एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए ग्रामों के विद्यालयों में आयोजित प्रतियोगिताओं में विजयी विद्यार्थियों को राज्यपाल ने पुरस्कार प्रदान किए।

बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ एवं भाषण प्रस्तुत किए, जिनकी राज्यपाल ने सराहना की। राज्यपाल ने सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं को भी उपहार प्रदान किए। साथ ही, उन्होंने जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी को राजभवन द्वारा प्रकाशित पुस्तकें भी भेंट कीं।

भारतीय ज्ञान परंपरा का मूल उद्देश्य मानवता की सेवा

मुख्य अतिथि निदेशक भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान मोहाली ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थी दीक्षांत समारोह के बाद जीवन के एक नए अध्याय में प्रवेश कर रहे हैं, जहाँ अवसरों के साथ अनेक चुनौतियाँ भी हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी ज्ञान, योग्यता एवं क्षमता का उपयोग समाज और राष्ट्र के उत्थान में करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा का मूल उद्देश्य मानवता की सेवा है, और इसी भावना से विद्यार्थियों को आगे बढ़ना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने स्नातक, परास्नातक एवं शोधार्थियों को स्वर्ण पदक और उपाधियाँ प्राप्त करने पर बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने, डिजिटल इंडिया के उद्देश्यों को साकार करने तथा समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की प्रेरणा दी।कुलपति प्रोफेसर कविता शाह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियाँ साझा किया।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर सांसद डुमरियागंज जगदम्बिका पाल, विधायक इटवा माता प्रसाद पाण्डेय, विधायक कपिलवस्तु श्यामधनी राही, विधायक शोहरतगढ़ विनय वर्मा, आयुक्त बस्ती मण्डल बस्ती अखिलेश कुमार सिंह, डीआईजी संजीव त्यागी, जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर  शिवशरणप्पा जी एन, पुलिस अधीक्षक डा अभिषेक महाजन, मुख्य विकास अधिकारी बलराम सिंह, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक)  ज्ञानप्रकाश, कुल सचिव दीनानाथ यादव, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के नवम् दीक्षान्त समारोह के आयोजन समिति के सदस्य, कार्य परिषद के सदस्य, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध समस्त महाविद्यालयों के प्राचार्य तथा विद्यार्थियों सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।

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