मथुरा में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है और हर घंटे जलस्तर में इजाफा हो रहा है। इस बढ़ते जलस्तर ने शहर की कई कॉलोनियों और खादर क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि अब तक लगभग 6300 से ज्यादा लोग प्रभावित हो चुके हैं। प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटा है।
यूपी की बात टीम ने अधिकारियों के साथ यमुना खादर का रियलिटी चेक किया। इस दौरान सामने आया कि कई कॉलोनियों में 4 से 5 फुट तक पानी भर चुका है। इनमें गणेश धाम, पुलिस धर्मशाला, राधा कृष्ण वाटिका कॉलोनी और भागवत विहार कॉलोनी समेत एक दर्जन से अधिक कॉलोनियां शामिल हैं। पानी भर जाने से लोगों को घरों से निकलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है। श्री गीता (बिरला) धर्मशाला में बाढ़ राहत केंद्र स्थापित किया गया है। इस राहत केंद्र का निरीक्षण सहायक नगर आयुक्त राकेश कुमार त्यागी ने किया और वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
इसी के साथ मथुरा जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने जयसिंहपुरा खादर क्षेत्र में तेजी से राहत कार्य शुरू किया है। स्टीमर और नावों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि किसी भी नागरिक को असुरक्षित जगह पर नहीं रहने दिया जाएगा और लगातार नजर रखी जा रही है कि कहीं कोई परिवार फंसा न रह जाए।
गंभीर बात यह है कि प्रशासन की अपील के बावजूद कई लोग अपने घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। इन लोगों का कहना है कि वे अपना सामान और घर छोड़कर नहीं जाना चाहते। वहीं, बड़ी संख्या में प्रभावित लोग प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं।
नगर निगम और प्रशासन का कहना है कि हालात पर काबू पाने के लिए पूरी टीम सक्रिय है। नावों की संख्या बढ़ाई जा रही है और राहत शिविरों में खाने-पीने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
यमुना का जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसने मथुरा के लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। फिलहाल जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।