आजमगढ़ के जल निगम नगरीय निर्माण खंड कार्यालय पर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश जल निगम संघर्ष समिति के बैनर तले एकदिवसीय धरना आयोजित किया गया। इस धरने में जल निगम के अधिकारी, कर्मचारी और पेंशनर्स बड़ी संख्या में शामिल हुए। धरना स्थल पर सभी ने मुंह और बांह पर काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताया। कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की और अपनी पीड़ा का इजहार किया।
धरना स्थल पर अधिशासी अभियंता जिया उल हक की अध्यक्षता में सभा हुई, जबकि संचालन श्याम कन्हाई श्रीवास्तव ने किया। जल निगम संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि निगम के अधिकारी और कर्मचारी पिछले कई महीनों से वेतन और पेंशन न मिलने के कारण गंभीर आर्थिक संकट में हैं। उन्होंने कहा कि नवंबर माह से अब तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया है, जिससे परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।
पेंशनर्स ने भी बताया कि कई महीनों से उनकी पेंशन रुकी हुई है। महंगाई भत्ते और राहत अद्यतन को 252% तक बढ़ाकर शीघ्र भुगतान करने की मांग भी उठाई गई। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि जल निगम में अब तक सातवां वेतनमान लागू नहीं किया गया है, जबकि अन्य सभी सरकारी विभागों में इसे काफी पहले लागू कर दिया गया। इससे निगम के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है और वे अपने भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं।
धरना स्थल पर वक्ताओं ने कहा कि सरकार और विभागीय अफसर उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं। कई बार आंदोलन करने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे कर्मचारियों को काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि कर्मचारियों की जायज मांगों को तुरंत स्वीकार कर समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।
धरने के अंत में जल निगम संघर्ष समिति की ओर से एक ज्ञापन तैयार कर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा गया। ज्ञापन में मांग की गई कि जल्द से जल्द लंबित वेतन, पेंशन, महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाए और सातवां वेतनमान लागू किया जाए, ताकि कर्मचारी सम्मानजनक तरीके से जीवनयापन कर सकें।
धरने में शामिल अधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें शीघ्र पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा और राज्य स्तर तक ले जाया जाएगा। इस अवसर पर कर्मचारियों ने सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए नारेबाजी भी की।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में जल निगम के अधिकारी, कर्मचारी, पेंशनर्स और उनके परिजन शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका संघर्ष जारी रहेगा।