डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सोमवार को लखनऊ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन 2024-25 की प्रगति रिपोर्ट साझा करते हुए कहा कि यूपी बहुत जल्द स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश में नंबर वन बनेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से पहले की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया गया है और आज मरीजों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिल रही हैं। प्रदेश सरकार ने हर वर्ग के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के 6022 प्रसव केंद्रों में से 424 केंद्रों पर सिजेरियन प्रसव की सुविधा उपलब्ध है और एफआरयू के रूप में क्रियाशील हैं। जननी सुरक्षा योजना के तहत 24.43 लाख प्रसव कराए गए, जबकि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम में 60.63 लाख महिलाओं को मुफ्त दवा, 18.94 लाख को मुफ्त भोजन और 47.82 लाख की नि:शुल्क जांच कराई गई। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत 2050 इकाइयों पर 52 हजार से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगे, जिनमें 3.96 लाख जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किया गया। वहीं, एसएनसीयू इकाइयों के जरिए 1.36 लाख नवजातों का इलाज हुआ, जबकि 84 पोषण पुनर्वास केंद्रों में गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों का उपचार किया गया।
टीकाकरण अभियान में 57.52 लाख के सापेक्ष 58.59 लाख बच्चों का पूर्ण टीकाकरण हुआ। परिवार नियोजन में 45.80 लाख लाभार्थियों को सेवाएं दी गईं। ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन के माध्यम से 4.26 करोड़ लोग लाभांवित हुए। 74 जिलों के 75 अस्पतालों में मुफ्त डायलिसिस सुविधा से 28.53 लाख सत्र पूरे किए गए, वहीं 76 अस्पतालों में सीटी स्कैन की मुफ्त सुविधा से 34.65 लाख जांचें हुईं। टेलीरेडियोलॉजी सेवाएं 227 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर संचालित हैं।
डिप्टी सीएम ने बताया कि 102 एम्बुलेंस सेवा के 2270 वाहनों से 1.65 करोड़ और 108 एम्बुलेंस सेवा के 2200 वाहनों से 61.35 लाख लोगों को लाभ मिला। अस्पतालों में 2506 सिक्योरिटी गार्डों की तैनाती हुई। राष्ट्रीय मलेरिया, क्षय, दृष्टिदोष निवारण जैसी योजनाओं से आमजन को सीधे लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को आमजन के लिए सुलभ और भरोसेमंद बनाया गया है, जिससे जनता में विश्वास बढ़ा है और सरकार का लक्ष्य देश में स्वास्थ्य सेवाओं में शीर्ष पर पहुंचना है।