UP News : उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम से जुड़ी पूरी प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन हो गई है। अब आवेदक को न तो आरटीआई फॉर्म भरने के लिए किसी सरकारी दफ्तर के चक्कर काटने होंगे और न ही सुनवाई के लिए लखनऊ जैसे बड़े शहरों तक सफर करना पड़ेगा। राज्य सूचना आयुक्त स्वतंत्र प्रकाश ने यह जानकारी शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई समीक्षा बैठक के दौरान दी। उन्होंने बताया कि यह बदलाव शासन के ई-गवर्नेंस की दिशा में एक बड़ी पहल है, जिससे पारदर्शिता, प्रभावशीलता और समय की बचत सुनिश्चित होगी।
स्वतंत्र प्रकाश ने स्पष्ट किया कि अब आरटीआई आवेदन से लेकर प्रथम और द्वितीय अपील, दस्तावेज़ों की अपलोडिंग, नोटिस, जवाब और सुनवाई तक सब कुछ ऑनलाइन किया जा सकेगा। आवेदक को पोर्टल पर जाकर ही अपना आवेदन दाखिल करना होगा, जिसे संबंधित अधिकारी देख सकेंगे। इसके अलावा, वर्चुअल सुनवाई की भी सुविधा दी गई है, जिससे किसी भी जिले के नागरिक को केवल एक क्लिक पर न्याय मिलने का रास्ता खुला है। यह सुविधा खासतौर पर ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगी, जिन्हें पहले लंबी दूरी तय कर सुनवाई में शामिल होना पड़ता था।
बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनसुनवाई से जुड़ी शिकायतों का समयबद्ध और प्रभावी निस्तारण किया जाए। स्वतंत्र प्रकाश ने यह भी कहा कि ऑनलाइन आरटीआई प्रणाली से शिकायतों की ट्रैकिंग आसान हो गई है, जिससे किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनदेखी नहीं हो सकेगी। इसके अलावा उन्होंने ज़िलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे आरटीआई पोर्टल की जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं और आमजन को इसकी प्रक्रिया समझाएं। यह डिजिटल पहल शासन के ‘डिजिटल इंडिया’ विजन को मजबूती देती है और यह सुनिश्चित करती है कि हर नागरिक को सूचना पाने का अधिकार सरल और सुलभ हो।