उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आगामी बुधवार को होने वाले पौधरोपण महाभियान-2025 को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक चुकी है। इस महाभियान के तहत एक ही दिन में पूरे प्रदेश में 37 करोड़ पौधे रोपे जाएंगे, जो प्रदेश के पर्यावरण संरक्षण और हरित कवर को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इसके लिए सभी 75 जनपदों में मंत्रियों की तैनाती की गई है, जो खुद पौधरोपण में हिस्सा लेकर जनता को प्रेरित करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद अयोध्या और आजमगढ़ में पौधरोपण करेंगे, जबकि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल बाराबंकी में पौध लगाएंगी। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मेरठ और ब्रजेश पाठक लखनऊ में पौधरोपण कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे। इसी तरह सभी मंत्रीगण अपने-अपने आवंटित जनपदों में उपस्थित रहकर महाभियान को सफल बनाने में योगदान देंगे।
महाभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शासन स्तर पर भी व्यापक तैयारियां की गई हैं। प्रत्येक जिले में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अफसर नियुक्त किया गया है, जो मंगलवार सुबह ही अपने-अपने जिलों में पहुंचकर वहां की तैयारियों का निरीक्षण करेंगे। उदाहरण के तौर पर, प्रमुख सचिव नियुक्ति एम. देवराज प्रयागराज, पेयजल मिशन के प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर वाराणसी, इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद जौनपुर, चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की सचिव डॉ. पिंकी जोवेल मीरजापुर में नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।
इसके अलावा, वन विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों से समन्वय स्थापित करने के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी हैं। महाप्रबंधक उत्पादन (वन निगम) संजय कुमार ग्राम्य विकास, पंचायती राज, उद्यान, रेशम विभाग के साथ समन्वय कर रहे हैं, जबकि अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रोजेक्ट टाइगर) ललित वर्मा लोक निर्माण, एमएसएमई, औद्योगिक विकास जैसे विभागों से तालमेल बना रहे हैं। मुख्य वन संरक्षक (ईको विकास) नीरज कुमार जलशक्ति, सिंचाई, पर्यावरण, आवास विकास विभाग से सहयोग सुनिश्चित कर रहे हैं, वहीं डॉ. के इलांगो कृषि, परिवहन, ऊर्जा और स्वास्थ्य विभाग से तालमेल संभाल रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस महाभियान को प्रदेश के “हरित भविष्य” की दिशा में एक बड़ा प्रयास बताया है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में पौधरोपण केवल सरकार का ही नहीं बल्कि पूरे समाज का अभियान बनना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और हरित पर्यावरण दिया जा सके।
इस महाभियान में हर जिले में मंत्रियों की सक्रिय मौजूदगी, शासन और प्रशासनिक अमले की जिम्मेदारी और व्यापक समन्वय व्यवस्था यह दिखाती है कि प्रदेश सरकार इसे लेकर कितनी गंभीर है। शासन स्तर पर नोडल अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पौधरोपण स्थलों का भौतिक सत्यापन करें और जनता को भी इस अभियान में अधिक से अधिक शामिल करें।
उत्तर प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब एक दिन में इतने व्यापक पैमाने पर पौधे लगाए जाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि यह महाभियान केवल सांकेतिक न रहकर, वास्तव में धरातल पर पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का उदाहरण बनेगा और प्रदेश की हरित पट्टी को और मजबूत करेगा।