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Lucknow: “जिनके अंदर आत्मा नहीं, वे न महात्मा को मानते हैं, न परमात्मा को”- Akhilesh Yadav

अखिलेश यादव ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत की आजादी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने देश की आत्मा को जगाया और जनता को एकजुट किया।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Lucknow: “जिनके अंदर आत्मा नहीं, वे न महात्मा को मानते हैं, न परमात्मा को”- Akhilesh Yadav

मनरेगा का नाम बदलने की केंद्र सरकार की तैयारी को लेकर राजनीति गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस कदम पर भाजपा सरकार को कड़े शब्दों में घेरा। मंगलवार को संसद परिसर में सपा नेताओं ने विपक्षी दलों के साथ मिलकर इस प्रस्तावित बदलाव के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।

“महत्मा गांधी ने देश की आत्मा जगाई, भाजपा उनके नाम की योजना बदल रही”

पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत की आजादी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने देश की आत्मा को जगाया और जनता को एकजुट किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार गांधीजी के नाम पर बनी योजनाओं के नाम बदलकर इतिहास और मूल्यों से छेड़छाड़ कर रही है।

अखिलेश ने कहा- “जिनके अंदर आत्मा नहीं होती, वे न महात्मा को मानते हैं, न परमात्मा को। गांधी जी ने सत्य की लड़ाई लड़ी थी, इन्हें सत्य से डर लगता है। यह सत्य के प्रयोग और असत्य के दुरुपयोग के बीच का संघर्ष है।”

“राम-नाम का सम्मान करने वालों का नाम मिटाकर कैसी राम राज्य की बात?”

सपा अध्यक्ष ने भाजपा पर धार्मिक भावनाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिन्होंने “राम-नाम” को शक्ति माना, उनके नाम मिटाकर भाजपा रामराज्य लाने का दावा करती है-यह विरोधाभास है।

उन्होंने मनरेगा पर चलते विवाद को लेकर कहा-भाजपा राज्य सरकारों पर खर्च का बोझ बढ़ाकर गरीबों की आजीविका के इस सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम को अंदरूनी रूप से खत्म करना चाहती है। उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा के कुछ नेता मनरेगा को पहले ही स्मारक योजना कह चुके हैं।

“बीजेपी खुद अपना नाम क्यों नहीं बदल लेती?” – अखिलेश का तंज

नाम बदलने की राजनीति पर अखिलेश यादव ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा- “उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा नाम बदलने का काम भाजपा सरकार ने किया है। दूसरे सरकारों की योजनाएँ थीं, उनके नाम भी बदल दिए। और अब दिल्ली की भाजपा सरकार भी वही कर रही है। ऐसे में भाजपा को अपना भी नाम बदल लेना चाहिए।”

उन्होंने पूछा कि नाम बदलने से न किसान को लाभ, न मजदूर को- “अगर सरकार सच में गरीबों की हितैषी है तो मनरेगा में कार्य दिवस 200 या 250 क्यों नहीं कर देती?”

“भाजपा जब कमजोर होती है, तो धार्मिक और साम्प्रदायिक राजनीति बढ़ाती है”

अखिलेश यादव ने भाजपा पर भेदभाव करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा-

  • सरकार में जातिगत भेदभाव बढ़ा है

  • संविधान की मूल भावना से सरकार दूर होती जा रही है

  • जब भाजपा कमजोर पड़ती है, तो वह धार्मिक और साम्प्रदायिक राजनीति का सहारा लेती है

उन्होंने दावा किया कि नाम बदलने की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है और जनता इसका जवाब देगी।

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