लखनऊ में मुख्य सचिव एस.पी. गोयल की अध्यक्षता में नाबार्ड की ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) से वित्त पोषित परियोजनाओं से संबंधित वित्तीय वर्ष 2025-26 की हाई पावर कमेटी की तृतीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य आरआईडीएफ के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं की प्रगति, ऋण संवितरण और प्रक्रियागत सुधारों की समीक्षा करना रहा।
मुख्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों और नाबार्ड को आपसी समन्वय मजबूत करने के निर्देश दिए, ताकि विभिन्न कार्यबिंदुओं पर संयुक्त रूप से प्रभावी कार्य किया जा सके। उन्होंने नाबार्ड द्वारा गत वर्षों में किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आरआईडीएफ योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में संवितरण को गति देने के लिए विभागों को अपने प्रतिपूर्ति दावे शीघ्र नाबार्ड को प्रेषित करने चाहिए।
बैठक में मुख्य सचिव ने नाबार्ड और कार्यदायी विभागों से डिजिटलीकरण की दिशा में मिलकर कार्य करने की अपेक्षा जताई। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं की स्वीकृति, प्रतिपूर्ति दावे तथा परियोजना पूर्णता प्रमाणपत्र (पीसीआर) यदि आरआईडीएफ वेब पोर्टल पर समयबद्ध रूप से अपलोड किए जाएं, तो प्रक्रियाएं और अधिक पारदर्शी एवं त्वरित बन सकेंगी।
उन्होंने नाबार्ड द्वारा हाल ही में आरआईडीएफ ऋण पात्रता, न्यूनतम परियोजना आकार और संशोधित संवितरण प्रणाली में किए गए बदलावों की जानकारी भी प्राप्त की। मुख्य सचिव ने कहा कि नई संवितरण प्रणाली से राज्य सरकार को आंतरिक संसाधन जुटाने में महत्वपूर्ण सहयोग मिलेगा।
बैठक में नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक ने पिछले पांच वर्षों के दौरान आरआईडीएफ के तहत परियोजना स्वीकृतियों और ऋण संवितरण में हुई निरंतर वृद्धि पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹3000 करोड़ के संवितरण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी विभागों को सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में प्राथमिकता संवितरण पर केंद्रित है, क्योंकि लक्ष्य की संतोषजनक प्राप्ति होने पर उत्तर प्रदेश के लिए नाबार्ड मुख्यालय से अतिरिक्त आवंटन की स्वीकृति का अनुरोध किया जा सकता है।
नाबार्ड, उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से मुख्य महाप्रबंधक पंकज कुमार ने अन्य अधिकारियों के साथ बैठक में सहभागिता की। बैठक में प्रमुख सचिव पशुपालन मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग, प्रमुख सचिव लोक निर्माण अजय चौहान, सचिव वित्त सारिका मोहन सहित राज्य सरकार के विभिन्न कार्यदायी विभागों के विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि आरआईडीएफ के माध्यम से ग्रामीण अवसंरचना विकास को और सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार और नाबार्ड मिलकर योजनाबद्ध एवं समयबद्ध कार्य करेंगे, जिससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को नई गति मिल सके।