Jhansi : झाँसी के मऊरानीपुर में रेलवे अंडर ब्रिज में 15 फीट पानी भरने पर स्थानीय लोगों ने नाव चलाकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। हर साल जलभराव से होने वाली परेशानी पर प्रशासन की लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई। लोगों ने स्थायी समाधान की मांग की है।
Jhansi : झाँसी के मऊरानीपुर में रेलवे अंडर ब्रिज में 15 फीट पानी भरने पर स्थानीय लोगों ने नाव चलाकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। हर साल जलभराव से होने वाली परेशानी पर प्रशासन की लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई। लोगों ने स्थायी समाधान की मांग की है।
Sonbhadra: सोनभद्र में पहली मूसलाधार बारिश ने नगर पालिका की तैयारियों की पोल खोल दी, जहां नालियों के जाम होने से पूरे शहर में जलभराव से अफरा-तफरी मच गई। वाराणसी शक्तिनगर हाईवे पर घुटनों तक पानी भर जाने से यातायात भी ठप हो गया। लोग घरों, स्कूलों और बाजारों में भरे पानी से बेहद परेशान दिखे।
यूपी में बीते 4 दिनों में मानसून की एक्टिविटी ने लोगों को कुछ राहत देने का काम किया है। वहीं बारिश से 7 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। वाराणसी में गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने से दशाश्वमेध धाट पर तीसरी बार आरती के स्थान को बदलना पड़ा है। कल रविवार को गंगा आरती घाट के बजाय सीठियों पर संपूर्ण हुई। 40 के करीब घाट गंगा
यूपी में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए यूपी में चल रहे 'कैच द रेन' अभियान को और तेजी देने को कहा है। गौरतलब है कि यह अभियान2019 से प्रत्येक वर्ष मार्च-अप्रैल से नवंबर तक चलता है।
देश के 'फूड बास्केट' के तौर पर प्रतिष्ठित उत्तर प्रदेश में, योगी सरकार ने प्रदेश की फसलों के रखरखाव को लेकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करके उसे क्रियान्वित कर दिया है। प्रदेश में फिलहाल हीट वेव का प्रकोप जारी है और जल्द ही मानसून भी प्रदेश में सक्रिय होने जा रहा है। ऐसे में, फसलों के उचित रखरखाव, हीटवेव तथा बाढ़ से बचाव की प्रक्रिया को अमली-जामा पहनाने की प्रक्रिया सरकार
भीषण गर्मी के चलते लोग परेशान हैं। तालाब सूख चुके हैं, जिसके चलते पशु पक्षी हर कोई सूरज की भीषण तपिश से बेहाल हैं। जून महीने में जैसे जैसे दिन आगे बढ़ रहे हैं। तापमान भी लगातार चढ़ाई कर रहा है। पानी की तलाश में नील गायों का झुंड खेतों में घूम रहे हैं।
कुशीनगर में बाढ़ से बचाव को लेकर बाढ़ खंड द्वारा हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं। इसके बावजूद भी स्थानीय लोगों को आगामी दिनों में आने वाली बाढ़ का खतरा बना रहता है। लोगों का कहना है कि मानसून आने पर विभाग द्वारा काम शुरू कराया जाता है और पानी आ जाने से काम अधूरा रह जाता है। जिस वजह से बाढ़ खंड द्वारा कराए जा रहे