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सरयू नदी के विकराल रूप से सुबिखाबाबू गांव जलमग्न, परेशानियों से पार पाने के लिए प्रशासन की पूरी तैयारी

एडीएम कमलेश चंद्र ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। राहत सामग्री, मेडिकल कैंप, शरणालय की व्यवस्था कर ली गई है।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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सरयू नदी के विकराल रूप से सुबिखाबाबू गांव जलमग्न, परेशानियों से पार पाने के लिए प्रशासन की पूरी तैयारी

पहाड़ों पर हो रही बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी से नदियां ऊफान पर हैं। जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बस्ती जिले में शारदा और सरयू बैराज साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे बस्ती जिले के दुबौलिया ब्लॉक के सुबिखाबाबू गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। गांव के लोग बाहर जाने के लिए अपनी डोंगी (छोटी नाव) रख रखी है, जिससे वे बाहर दो से ढाई किलोमीटर की दूरी डोंगी से तय करके बंधे तक आते हैं। मौजूदा आलम यह है कि नदी का आयतन इतना बढ़ चुका है कि हर तरफ पानी ही पानी है।

सरयू नदी खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। वहीं कटारिया में एल्गिन से 56 सेंटीमीटर ऊपर नदी का जल स्तर होता दिख रहा है। हालांकि अधिकारियों का अनुमान है कि अगले 24 घंटे में और अधिक बढ़ने की आशंका है। जिले के आलाधिकारी भी लगतार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के दौरान जिला प्रशासन ने पहले ही रेड अलर्ट जारी कर दिया था। जलस्तर बढ़ने से आई परेशानियों से पर लड़ने के लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाओ को पूरा कर लिया गया है।

प्रशासनिक अधिकारी स्वम स्टीमर से जाकर गांव वालों से मुलाकात कर रहे हैं। उनको गांव से बाहर आने को भी कह रहे हैं। गांव से बाहर आने वाले बाढ़ पीड़ितों के लिए कैंप की व्यवस्था की गई है। सुबिखाबाबू में जिला प्रशासन द्वारा एक स्टीमर व 6 नाव भी लागई गयी है, जिससे मैरुंड गांव के लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े।

एडीएम कमलेश चंद्र ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। राहत सामग्री, मेडिकल कैंप, शरणालय की व्यवस्था कर ली गई है। तटबंधों की लगातार निगरानी हो रही है। उन्होंने बताया कि एक गांव को छोड़कर अभी किसी दूसरे गांव में बाढ़ जैसे हालात नहीं बने हैं। उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा टीम भेज कर सारी व्यवस्था की जा रही है। राहत सामग्री हमारे 500 पैकेट आ गए हैं और जरूरत पड़ी तो तुरंत उपलब्ध करवा ली जाएगी।

बस्ती से संवाददाता धर्मेंद्र द्विवेदी की रिपोर्ट।

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