उत्तर प्रदेश के इटावा में हाल ही में हुई घटना और प्रदेश में सरकारी स्कूलों को बंद करने की संभावित योजना को लेकर राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने योगी सरकार पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस निर्णय को प्रदेश के लाखों छात्रों और उनके माता-पिता के साथ बड़ा धोखा बताया। संजय सिंह ने कहा कि योगी सरकार इस समय शिक्षा के बजाए अशांति, दंगे और सामाजिक संघर्ष को बढ़ावा देने में लगी हुई है।
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि योगी सरकार एक ओर प्रदेश में नई शराब की दुकानें खोल रही है, वहीं दूसरी ओर 20 हजार से अधिक सरकारी स्कूल बंद करने की योजना बना रही है। उन्होंने इसे शिक्षा के लिए बड़ा झटका बताया और कहा, “यह साफ़ संकेत है कि सरकार की प्राथमिकता शिक्षा नहीं बल्कि सामाजिक अशांति फैलाना है। इस निर्णय से छात्रों के भविष्य को नुकसान पहुंचेगा।”
संजय सिंह ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी इस फैसले के खिलाफ पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करेगी। वह गांव-गांव जाकर स्कूल बंद होने वाली जगहों पर बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करेगी। उन्होंने इसे “शिक्षा के खिलाफ षड्यंत्र” करार दिया और कहा कि बच्चों को पढ़ाई से दूर रखना और उनके हक को छीनना किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए स्वीकार्य नहीं है।
साथ ही संजय सिंह ने इटावा की उस घटना का भी कड़ा विरोध किया जिसमें एक दलित कथावाचक के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ। उन्होंने कहा, “जिस तरह एक दलित कथावाचक का सिर मुड़वाया गया और उसे जबरन पेशाब पिलाने की कोशिश की गई, यह जातिगत भेदभाव की गहरी जड़ें दर्शाता है। आज़ादी के 78 वर्षों बाद भी जातिवाद खत्म नहीं हो पाया है। पिछड़े, दलित और आदिवासी समाज को हर क्षेत्र में रोका जा रहा है, चाहे वह मंदिर में प्रवेश हो, घोड़े पर चढ़ना हो या कथा कहने का अधिकार।”
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जातिगत भेदभाव को रोकने के बजाय उसका मौन समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति समाज के लिए बेहद शर्मनाक है और इसे तत्काल बदलने की आवश्यकता है।
वहीं, उत्तर प्रदेश भाजपा ने संजय सिंह और आम आदमी पार्टी द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि संजय सिंह केवल राजनीतिक लाभ के लिए अफवाहें फैला रहे हैं और प्रदेश सरकार की विकास-उन्मुख नीतियों को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, और सरकार का उद्देश्य हमेशा बच्चों के हित में रहा है।
भाजपा ने संजय सिंह के स्कूल बंद करने के आरोपों को पूरी तरह झूठ और राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने किसी भी स्कूल को बंद करने का आधिकारिक आदेश नहीं दिया है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बनाने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध है और कोई भी कदम इस दिशा के खिलाफ नहीं होगा।
इस विवादित मामले ने उत्तर प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र और सामाजिक समरसता पर बहस छेड़ दी है। आम आदमी पार्टी ने आगामी दिनों में इस मुद्दे को लेकर प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। वहीं, भाजपा ने भी अपनी नीतियों का बचाव करते हुए कहा कि वे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है।