राजधानी लखनऊ में आज का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र प्रेरणा स्थल का भव्य उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की विशाल कांस्य प्रतिमाओं का अनावरण कर पुष्पांजलि अर्पित की और हाथ जोड़कर प्रणाम किया।

प्रधानमंत्री के साथ मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी भी मौजूद रहे।

राष्ट्र प्रेरणा स्थल का निर्माण 65 एकड़ क्षेत्रफल में लगभग 230 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। वर्ष 2022 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट में तीनों महान नेताओं की 65-65 फीट ऊंची प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जिनका वजन लगभग 42-42 टन है। प्रतिमाओं के बीच पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा स्थापित की गई है। परिसर में एक भव्य संग्रहालय (म्यूजियम) भी बनाया गया है, जो इन नेताओं के विचारों और योगदान को दर्शाता है।

अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के 25 जिलों से करीब 2 लाख लोग शामिल हुए। सुरक्षा के लिए 18 आईपीएस अधिकारी, 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए, जबकि ड्रोन के जरिए पूरे क्षेत्र की निगरानी की गई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन प्रदेश और देश के लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने कहा-“डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक देश, एक विधान, एक निशान और एक प्रधान का उद्घोष किया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय विचार को हमारी सरकार धरातल पर उतार रही है। अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों को साकार करने के लिए हम निरंतर कार्य कर रहे हैं।” सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर और विकसित भारत का स्वरूप साकार हो रहा है और इन तीनों महान विभूतियों का मार्गदर्शन इसमें प्रेरणा का स्रोत है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत माता के जयकारे के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा- “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का मान बढ़ाया है। यह गर्व का विषय है कि उन्हें अब तक 29 देशों का सर्वोच्च सम्मान प्राप्त हो चुका है।”

अटलजी के शादी के बदले पाकिस्तान मांगने का किस्सा सुनाया
राजनाथ सिंह ने कहा- राष्ट्र प्रेरणा स्थल बनाने वाले सीएम योगी को बधाई देता हूं। श्याम प्रसाद मुखर्जी ने भारत की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए लंबा संघर्ष किया था। धारा 370 को समाप्त करने के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था। उनके इस सपने को पूरा करने का काम हमारे पीएम ने किया।
एकात्मक मानववाद का दर्शन देने वाले पंडित दीनदयाल ने समाज के अंतिम व्यक्ति की चिंता करते हुए अंत्योदय का मंत्र दिया। आजाद भारत में सबसे बड़ी दार्शनिक अवधारणा दीन दयाल उपाध्याय ने प्रस्तुत किया। इन्होंने जो विचारधारा दी, उसी के आधार पर पीएम मोदी काम कर रहे हैं। उनका मानना था कि व्यक्ति व्यक्ति धन से खुशी नहीं हो सकता है। व्यक्ति को मान- सम्मान की चिंता करनी चाहिए। हर व्यक्ति शिक्षित होना चाहिए। आत्मा के सुख के लिए परमात्मा का अनुसरण करें। तन के लिए धन। मन के सुख लिए सम्मान। आत्मा के सुख के लिए भगवान चाहिए। यह उनके विचार थे।
लखनऊ के लोग हमारे पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी से कौन नहीं प्रभावित होगा। वे पाकिस्तान गए थे। एक महिला ने कहा कि शादी करने के लिए तैयार हूं, लेकिन बदले में कश्मीर चाहिए। अटल जी ने जवाब दिया था कि मैं तैयार हूं, लेकिन बदले में मुझे पाकिस्तान चाहिए। ये उनका विनोदी स्वभाव रहा है।
दुनिया में भारत की हैसियत है
राजनाथ सिंह ने कहा- आज महंगाई दर 1 प्रतिशत से नीचे है। भारत की विकास दर 8 प्रतिशत से आगे है। पूरी दुनिया कान खोलकर सुनती है कि भारत क्या बोल रहा है। आज ये हैसियत भारत की दुनिया में बनी है। हमारे पीएम ने एक बहुत बड़ा काम गांव के लिए किया है। गरीबों व किसानों के लिए किया है। मनरेगा में धांधली थी। विकसित भारत जी रामजी नाम से नया विधेयक संसद में पारित किया है। अब 100 की बजाय 125 दिनों का काम मिलेगा। स्थाई काम गांवों में होगा।

राष्ट्र प्रेरणा स्थल को भारतीय राष्ट्रवाद, अंत्योदय और सुशासन की त्रिवेणी के रूप में देखा जा रहा है। यह स्थल आने वाली पीढ़ियों को श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों से प्रेरणा देगा और विकसित भारत की दिशा में एक स्थायी स्मारक के रूप में स्थापित होगा।