Political Controversy : रामपुर में अखिलेश की आज़म से मुलाकात सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी है। वहीं योगी सरकार के कई मंत्रियों ने इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव की चुटकी ली है। सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि 23 महीने तक जेल में रहे आज़म की सुध लेने की बजाय, अब जमानत के बाद अखिलेश ‘घड़ियालू आंसू’ बहाने रामपुर पहुंचे हैं। यह सपा के मुस्लिम वोटबैंक को साधने की सियासी मजबूरी है।
योगी सरकार के मंत्रियों ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव की रामपुर में आज़म खान से मुलाकात को वोटबैंक बचाने की सियासी चाल करार दिया। जेपीएस राठौर ने कहा कि अखिलेश को 23 महीने तक आज़म खान की याद नहीं आई, जब वे जेल में थे। आज़म ने खुद कहा कि जेल में उनके परिवार की किसी ने सुध नहीं ली। अखिलेश ने रामपुर में आज़म का विकल्प खड़ा कर उनकी राजनीति खत्म करने की कोशिश की। अब वोटबैंक खिसकता देख वे आज़म से मिलने जा रहे हैं। यह महज स्टंटबाजी है।
राठौर ने कहा कि अखिलेश को न आज़म से लगाव है, न किसी और से, उनकी एकमात्र चिंता वोटबैंक है। “दूसरों की परेशानी में अखिलेश पहुंच जाते थे, लेकिन आज़म से जेल में कभी नहीं मिले। दोस्ती में गांठ पड़ने के बाद उसका कोई मतलब नहीं रहता, यह आज़म भी समझते हैं।
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि अखिलेश ने आज़म से मिलने में बहुत देर कर दी। उनकी पार्टी के नेता है मिलना तो बनता है लेकिन मैं फिर यह कह रहा हूं कि उन्होंने मिलने में बहुत देर कर दी। अगर उन्हें आज़म की चिंता होती, तो जमानत के तुरंत बाद मिलने जाते। अब वोटबैंक खिसकने का डर उन्हें रामपुर ले जा रहा है।